बहादुरगढ़ में किसान ने नष्ट की छह बीघा गेहूं, भाकियू नेता बोले- गरीबों में बांटें फसल

फसल नष्ट करने वाले किसान कृष्ण का तर्क था कि सरकार की ओर से न तो नए कृषि कानून वापस लिए जा रहे हैं और न ही एमएसपी पर कानून बनाया जा रहा है। ऐसे में वे फसल को रखकर क्या करेंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:30 PM (IST)
बहादुरगढ़ में किसान ने नष्ट की छह बीघा गेहूं, भाकियू नेता बोले- गरीबों में बांटें फसल
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के कथन के बाद से कई किसान अपनी फसलें नष्ट कर चुके हैं।

बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के कथन के बाद किसानों की ओर से फसल नष्ट करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। झज्जर जिले में डीघल के बाद अब मांडौठी गांव में एक किसान ने छह बीघा गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। हेरो से फसल वाले खेत की जुताई कर डाली। फसल नष्ट करने वाले किसान कृष्ण का तर्क था कि सरकार की ओर से न तो नए कृषि कानून वापस लिए जा रहे हैं और न ही एमएसपी पर कानून बनाया जा रहा है। ऐसे में वे फसल को रखकर क्या करेंगे।

भाकियू नेता ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाया

उधर, भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष प्रवीन दलाल ने बताया कि मांडौठी गांव के किसान काला पहलवान का फोन आया कि गांव के कुछ किसान अपनी फसल को नष्ट कर रहे हैं। इस पर मांडौठी में पहुंचकर किसानों को समझा बुझाकर फसल को नष्ट न करने का आग्रह किया। किसानों से अपील करते हुए कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते और एमएसपी पर गारंटी का कानून नहीं बन जाता तब तक फसल सरकार को बेचने की बजाय उन्हें पकाकर अपने आस-पास में रह रहे गरीबों में बांट दें। कोई भी किसान इस तरह से अपनी फसलों को नष्ट न करे। 

राकेश टिकैत के कथन से किनारा कर चुके हैं किसान नेता

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के कई कथनों से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता किनारा कर चुके हैं। हाल ही में टिकैत की ओर से संसद पर जाने और वहां के पार्कों में खेती करने के ब्यान को भी निजी विचार बताया था। फसलों को जलाने से संंबंधित कथन को लेकर भी संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से काेई ब्यान नहीं दिया गया था। 

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