गूगल बिजनेस पर बनाते थे नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट, डाटा चुरा करते थे लाखों रुपये की ठगी

हिसार में साइबर थाना पुलिस का डर केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने लौटा दी शिकायतकर्ता की राशि।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:13 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:13 AM (IST)
गूगल बिजनेस पर बनाते थे नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट, डाटा चुरा करते थे लाखों रुपये की ठगी
गूगल बिजनेस पर बनाते थे नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट, डाटा चुरा करते थे लाखों रुपये की ठगी

- हिसार में साइबर थाना पुलिस का डर, केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने लौटा दी शिकायतकर्ता को पूरी रकम

- साइबर थाना बनने के बाद साइबर ठग गिरोह की खुलने लगी पोल, बीटेक स्टूडेंट्स से 96250 रुपये की ठगी मामले में गिरफ्तार आरोपित को रिमांड के बाद भेजा जेल

सुभाष चंद्र, हिसार

हिसार में साइबर थाना पुलिस का डर आनलाइन ठगी करने वालों में नजर आ रहा है। युवक से रुपयों की धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने शिकायतकर्ता से सांठगांठ कर पूरी रकम ही वापस कर दी। मिलगेट निवासी बीटेक के छात्र निखिल से 96250 रुपये की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित ने कई नए खुलासे किए हैं। आरोपित ने रिमांड के दौरान पूछताछ में बताया की केस दर्ज होने के बाद उसने शिकायतकर्ता को पूरी रकम लौटा दी थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचना नहीं दी। पुलिस ने इस मामले में पांचवें आरोपित मूल रूप से रोहतक गेट गोहाना निवासी और हाल दिल्ली के उत्तम नगर के ओम विहार निवासी विजय कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपित को पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उसे 16 सितंबर तक रिमांड पर लिया गया है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है। मामले के संबंध में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने निखिल की शिकायत पर 18 अप्रैल को केस दर्ज किया था। इसके अलावा आरोपित ने बताया की उसने शिकायतकर्ता को अलग-अलग ट्रांजेक्शन से कुल 96250 रुपए वापस कर दिए थे। आरोपित ने बताया कि वह गिरोह बनाकर लोन का झांसा देकर लोगों से रुपए की धोखाधड़ी करते हैं आरोपित ने अपने पांच अन्य साथियों के नाम पुलिस को बताए हैं।

पांच आरोपितों की तलाश में पुलिस

पुलिस पांच आरोपितों की तलाश में जुटी है। इनमें दो लड़के गोहाना से है और तीन आरोपित दिल्ली से है, जिनमें दो लड़कियां भी हैं। आरोपित ने पुछताछ में बताया कि उनका गिरोह सक्रिय है, जो गूगल बिजनेस पर जाकर नामी कंपनियों के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाते थे। उनका फाइनेंस का काम है, इसलिए वे फाइनेंस की वेबसाइट बनाते थे। जो वेबसाइट को ओपन करने की कोशिश करता, तो अपने बारे में जानकारी देनी होती है। जब सर्च करने वाला व्यक्ति अपनी जानकारी वेबसाइट पर डालता तो यह जानकारी ठगों द्वारा वेबसाइट से जुड़े ठगों के ईमेल आईडी पर चला जाता था। इसके बाद यह लोग ईमेल पर आए डाटा से जानकारी लेकर फोन करते थे, यह गिरोह बातों में उलझाकर रुपयों की ठगी करता था। मामले में वेबसाइट बनाने वाले और ठगी के लिए फोन करने वाले आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह था मामला

निखिल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह बीटेक का छात्र है उसने आनलाइन लोन के लिए अप्लाई किया था। आरोपितों ने उसे अलग नंबरों से फोन करके फाइल चार्ज सहित अलग अलग चार्ज लगाकर उससे कुल 96250 रुपए ठग लिए। पीड़ित ने बताया था कि आनलाइन काम करते हुए उसे जेके फाइनेंस कंपनी का आफर आया। इसके बाद उसे अज्ञात नंबर से मैसेज आया कि यदि आप लोन करवाना चाहते हैं तो अपने डाक्यूमैन्ट जमा करवा दें। उसने उपरोक्त फर्म को आनलाइन जमा करवा दिए। 11 दिसंबर 2020 को उसकी बात नेहा शर्मा से हुई। उन्होंने उसे अनूप सिंह का केनरा बैंक का खाता नंबर दिया और उससे 4500 रुपये प्रोसेस फीस मांगी। उसने 11 दिसंबर को बताए गए खाते में उन्हें पे कर दिए। इसके बाद उसके पास नेहा का फोन आया। नेहा ने उसे संजय पाहूजा का फोन नंबर दिया। संजय पाहूजा ने भी फाइल चार्ज के नाम पर 18,250 रुपये मांगे। उसने ये भी जमा करवा दिए। इसी तरह अलग अलग ट्रांजेक्शन के जरिए उससे रुपए की धोखाधड़ी कर ली।

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