नकली चोट असली केस मामला उजागर करने वाले वकील और उसके परिवार पर दायर मुकदमा 12 साल बाद खारिज
नकली चोट असली केस मामले में अधिवक्ता हरदीप सिंह सुंदरिया और उसके परिवार पर दर्ज मुकदमा हुआ खारिज।
जागरण संवाददाता, हिसार : नकली चोट असली केस मामले में अधिवक्ता हरदीप सिंह सुंदरिया और उसके परिवार पर धारा 307 के तहत दोषियों की तरफ से अधिवक्ता हरदीप सिंह सुंदरियां और उसके परिवार के खिलाफ दायर इस्तगासा को 12 साल बाद सबूतों के आधार पर खारि•ा कर दिया गया है। मामले में अधिवक्ता ने 13 पेज की एक रिपोर्ट सबूतों के साथ पेश की थी। जिसमें हरदीप सुंदरिया यह साबित करने में सफल रहे कि यह इस्तगासा फर्जी था। दोषी बालसमंद निवासी डा. भूप सिंह खतरी और दुमकी निवासी जयवीर 10-10 वर्ष की सजा काट रहे हैं। इन्हीं दोषियों ने सजा होने से पहले अधिवक्ता के खिलाफ इस्तगासा दायर किया था।
इन सबूतों के चलते किया इस्तगासा खारिज
-15 दिसंबर 2009 को घटना की जो जगह दिखाई और एमएलआर काटने के समय में नौ घंटे का अंतर था
-जिस समय एमएलआर काटी गई उस डा. भूप सिंह सिविल अस्पताल हिसार में आन डयूटी पर नहीं था।
-पुलिस जांच में उक्त घटना को एमएलआर में दी गई चोट को फर्जी पाया था।
-इस्तगासा करने वाले जयबीर से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी चोट डा. भूप सिंह खत्री ने बनाई थी।
-पुलिस द्वारा डाक्टर से फर्जी चोट करने वाले औजार भी बरामद किये थे।
-मामले को लेकर रोहतक पीजीआई में आठ डाक्टरों को बोर्ड घोषित किया था।
-बोर्ड ने 46 एमएलआर में लिखी गई चोटें फर्जी पाई थी।
-नकली चोट असली केस मामले में दोषी बालसमंद निवासी डा. भूप सिंह खतरी और दुमकी निवासी जयवीर 10-10 वर्ष की सजा काट रहे हैं।
यह था मामला
अधिवक्ता हरदीप सिंह सुंदरिया ने बताया कि उक्त मामले में 15 दिसंबर 2009 में जयवीर ने डा. भूप सिंह खत्री से सरकारी अस्पताल हिसार में फर्जी चोटें मरवाकर फर्जी एमएलआर बनवाई थी। मामले की जांच सिवानी पुलिस ने की, इसके बाद हिसार पुलिस ने की। इसके बाद हाइकोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने भी जांच की। हाइकोर्ट के आदेश से रोहतक पीजीआई में आठ डाक्टरों का स्पेशल मेडिकल बोर्ड गठित हुआ था। बोर्ड ने जयवीर की एमएलआर सहित डा. भूप सिंह खत्री द्वारा काटी गई 46 एमएलआर को फर्जी पाया था। वहीं उक्त एमएलआर में दर्शाई गई चोटों को नकली पाया था। अधिवक्ता हरदीप व अन्य पर दर्ज सिवानी थाने में दर्ज मामले में केस रद करने की रिपोर्ट अदालत में पेश हुई थी। इसी दौरान अधिवक्ता हरदीप सिंह ने जयवीर व डा. भूप सिंह खत्री द्वारा झूठे साक्ष्य गढ़ने का आरोप लगाकर 16 अप्रैल 2010 को हिसार सिटी थाना में केस दर्ज करवाया था। हिसार पुलिस और एसआईटी ने डा. भूप सिंह खत्री और जयवीर से पूछताछ करके नकली चोट मारने वाले ओजारों को डा. भूप सिंह से बरामद किया था। डा. भूप सिंह व जयवीर सहित छह आरोपितों को मुलजिम मानकर हिसार कोर्ट में चालान पेश किया था। इसी दौरान उक्त मामले की जांच सेवानिवृत्त जज ओपी गर्ग द्वारा की गई। डा. भूप सिंह खतरी व अन्य को दोषी मानते हुए अपनी जांच रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सुपुर्द की। जिसके आधार पर हरियाणा सरकार ने डा. भूप सिंह खतरी को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया था।