सेना के नकली पहचान पत्र व फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर हरियाणा से हथियार खरीद दूसरे राज्यों में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

पकड़े गए आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने पूछताछ के लिए 11 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में गिरोह में और कौन शामिल है तथा कहां-कहां तक इनके तार जुड़े हैं के संबंध में खुलासा होने की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:44 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:44 PM (IST)
सेना के नकली पहचान पत्र व फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर हरियाणा से हथियार खरीद दूसरे राज्यों में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश
झज्जर पुलिस ने हथियार तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया, अवैध असलाह सहित फर्जी पहचान पत्र व शस्त्र लाइसेंस बरामद किए

बहादुरगढ़, जेएनएन। झज्जर पुलिस की अपराध जांच शाखा प्रथम बहादुरगढ़ ने हथियार तस्कर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। गिरफ्त में आए आरोपियों के कब्जे से सेना के नकली पहचान पत्र,फर्जी लाइसेंस, अवैध हथियार व  कारतूस बरामद हुए हैं। पकड़े गए गिरोह के चारों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। पकड़े गए आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने पूछताछ के लिए 11 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में गिरोह में और कौन शामिल है तथा कहां-कहां तक इनके तार जुड़े हैं के संबंध में खुलासा होने की संभावना है।

मामले की जानकारी देते हुए अपराध जांच शाखा प्रथम बहादुरगढ़ के प्रभारी निरीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि सीआईए की टीम द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए हथियार तस्कर गिरोह के चार आरोपियों को काबू किया गया है। उन्होंने बताया कि आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने तथा वांछित दोषियों की धरपकड़ करने के संबंध में पुलिस अधीक्षक झज्जर राजेश दुग्गल द्वारा कड़े दिशा-निर्देश किए गए थे। एसपी के दिशा निर्देशों की पालना करते हुए सीआईए वन बहादुरगढ की टीम द्वारा उपरोक्त गिरोह को काबू करने में कामयाबी हासिल की गई है।

उन्होंने बताया कि सीआईए प्रथम बहादुरगढ़ में तैनात सहायक उप निरीक्षक अशोक कुमार व शमशेर सिंह की टीम बहादुरगढ़ सिटी एरिया में तैनात थी। पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए अवैध असलाह के साथ चार आरोपियों को काबू किया। पकड़े गए आरोपियों से तीन अवैध हथियारों सहित करीब 150 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पकड़े गए आरोपियों की गहनता से तलाशी ली गई तो उनके कब्जे से सेना के फर्जी पहचान पत्र तथा फर्जी शस्त्र लाइसेंस भी बरामद हुए। पकड़े गए आरोपियों की पूछताछ में पहचान विक्की, मुन्ना,   अनुज तथा विरमन चारों निवासी बिहार के तौर पर की गई।

उन्होंने बताया कि सीआईए-1 को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार निवासी के कुछ लोग फर्जी लाइसेंस पर हथियार लेकर दूसरे राज्यों में बेचने का अवैध धंधा करते हैं। हथियारों की तस्करी करने वाले इस गिरोह के चार सदस्य झज्जर की तरफ जाने की फिराक में हैं। गुप्त सूचना पर सीआईए-वन की टीम ने मुस्तैदी से गिरोह पर नजर रखनी शुरू कर दी। टीम द्वारा झज्जर रोड पर एक गाड़ी को रुकवाया गया। गाड़ी में चार युवक सवार थे। इन सभी को पुलिस ने पकड़ लिया। इनकी पहचान उपरोक्त चारों के रूप में हुई।

पकड़े गए युवकों की मौके पर तलाशी ली गई तो उनके कब्जे से 32 बोर के दो पिस्तौल, एक डबल बैरल बंदूक व 150 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके अलावा आरोपियों के कब्जे से फर्जी शस्त्र लाइसेंस, आधार कार्ड व सेना तथा बीएसएफ का एक पहचान पत्र बरामद हुआ। आरोपियों से बरामद बोलेरो गाड़ी भी झारखंड नंबर की है।

सीआईए प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पकड़े गए गिरोह के चारों आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में असलहा खरीदने बेचने के अवैध धंधे का खुलासा हुआ है उन्होंने बताया कि गिरोह के आरोपी हरियाणा के विभिन्न शहरों के गन हाउस से असलाह व कारतूस खरीदकर दूसरे राज्यों में अच्छी कीमत पर बेचते थे। आरोपी फर्जी लाइसेंस तैयार करके हथियार खरीदते-बेचते थे। एक आरोपी कोरोना पॉजिटिव होने कारण उसे उपचार हेतु हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया।

पकड़े गए अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीनों को माननीय अदालत बहादुरगढ में पेश किया गया। जहां से एक आरोपी विक्की को पूछताछ के लिए 11 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया व दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपी से इनके गिरोह में और कौन शामिल है, कब से इस कार्य में जुड़े हैं, कहां-कहां इनका नेटवर्क फैला है, के संबंध में खुलासा होने की संभावना है।

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