जीएसटी पर बोले विशेषज्ञ-जब कोई चीज नई आती है तो उसमें खामियां होती हैं, धीरे-धीरे होगा सुधार

आधुनिक तकनीकि युग में जहां समस्याओं का समाधान है तो इनका अंबार भी है। गौर करने वाली बात यह है कि हम इसे किस नजरिए से देखते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:50 AM (IST)
जीएसटी पर बोले विशेषज्ञ-जब कोई चीज नई आती है तो उसमें खामियां होती हैं, धीरे-धीरे होगा सुधार
जीएसटी पर बोले विशेषज्ञ-जब कोई चीज नई आती है तो उसमें खामियां होती हैं, धीरे-धीरे होगा सुधार

जागरण संवाददाता, हिसार : आधुनिक तकनीकि युग में जहां समस्याओं का समाधान है तो इनका अंबार भी है। गौर करने वाली बात यह है कि हम इसे किस नजरिए से देखते हैं। यदि समाधान चाहेंगे तो हल चुटकियों में निकलेगा और नजरंदाज करेंगे तो निस्संदेह समस्या में इजाफा ही होगा। कुछ ऐसा ही जीएसटी को लेकर भी है। हाल ही में पेश किए गए बजट भी बहुत कुछ बयां करता है। एक निपुण चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का यह दायित्व बनता है कि वह जीएसटी प्रणाली को लेकर आ रही समस्याओं को लेकर अपनी बात रखे। यह बात गाजियाबाद से हिसार पहुंचे सीए एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील पुनीत अग्रवाल ने कही। वे यहां हिसार ब्रांच ऑफ एनआईआरसी ऑफ आईएसीएआई की ओर से आयोजित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

हिसार ब्रांच के नवनियुक्त एवं यंगेस्ट प्रधान भारत जैन की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि जीएसटी हिसार के उपायुक्त आनंद पूनिया थे। इस बीच वक्ताओं ने जीएसटी को लेकर आ रही समस्याओं का विस्तृत उल्लेख किया, जिस पर उपायुक्त आनंद पूनिया ने विश्वास दिलाया कि वक्ताओं ने जीएसटी प्रणाली को लेकर जो-जो खामियां बताई हैं, वे उन्हें एक प्रॉपर चैनल के माध्यम से जीएसटी काउंसिल को अवश्य अवगत कराएंगे। मुख्य अतिथि ने कहा कि जब कोई चीज नई आती है तो उसमें बहुत सी खामियां होती हैं, लेकिन समय के साथ-साथ इसमें सुधार आ जाता है। ऐसा ही जीएसटी को लेकर भी है। वे सेमिनार में उल्लेखित खास बिदुओं को चिह्नित कर इनके समाधान के लिए जीएसटी काउंसिल में स्वयं इसकी वकालत करेंगे।

समारोह दो सत्र में आयोजित किया गया। पहले सत्र में सीए पुनीत अग्रवाल ने ''जीएसटी को लेकर नवीनतम संशोधन'' जबकि दूसरे सत्र में सीए धीरज शमर ने ''प्रोफेशनल एथिक्स'' पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। समापन अवसर पर नवनियुक्त कार्यकारिणी ने मु य अतिथि एवं वक्ताओं को स्मृति चिह्न देकर स मानित किया। कार्यकारिणी में उपप्रधान पवन मित्तल, सचिव विशेष भारद्वाज, खजांची राजदीप श्योराण एवं सदस्यों में सीए आदिश जैन, सीए आशा जैन एवं अन्य वरिष्ठ सदस्यों की विशेष भागीदारी रही। ई-लर्निंग तकनीक से पकड़ में आई खामियां : अग्रवाल

इससे पूर्व सीए पुनीत अग्रवाल ने कहा कि कोरोनाकाल ने बहुत कुछ सिखाया है। ई-लर्निग, तकनीकि से एक बड़ा बदलाव आया है। यूं कह सकते हैं कि बड़ी-बड़ी खामियां पकड़ में आई हैं। इसे केवल टैक्स चोरी या फ्रॉड की संज्ञा देना जल्दबाजी होगी, क्योंकि अक्सर नए कानूनों में इस तरह की बातें आती हैं, जिसे लेकर संशोधनों के साथ पारदर्शिता लाना जरूरी है। दूसरे सत्र में सीए धीरज शर्मा ने कहा कि आदिकाल से कोड ऑफ कंडक्ट चलता आ रहा है तो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भला इससे अछूते क्यों। उन्होंने कहा कि यह हर सीए का नैतिक कर्तव्य है कि वे इन नियमों का पालन करें। इस अवसर पर करीब 200 के करीब चार्टर्ड अकाउंटेंटस उपस्थित रहे।

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