मरने के बाद भी दो जिदगियां रोशन कर गई शिवम की आंखें

सड़क हादसे में 17 वर्षीय छात्र शिवम बेशक दुनिया को अलविदा कहा गया लेकिन उसकी आंख्खे फिर भी दुनिया देखेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:20 PM (IST)
मरने के बाद भी दो जिदगियां रोशन कर गई शिवम की आंखें
मरने के बाद भी दो जिदगियां रोशन कर गई शिवम की आंखें

सुनील सेन, अग्रोहा : सड़क हादसे में 17 वर्षीय छात्र शिवम बेशक दुनिया को अलविदा कहा गया, लेकिन मरने के बाद भी उसकी आंखें दुनिया देखेंगी। शिवम के चाचा राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रांत कार्यालय सचिव संजय बिश्नोई ने बताया कि शिवम सात वर्ष की अल्पायु में ही संघ से जुड़ गया था। शिवम ने दो साल पहले ही एक शिविर में नेत्रदान के लिए इच्छा व्यक्त की थी, उसकी इच्छा को पूरा करते हुए उन्होंने शिवम की आंखों को अग्रोहा मेडिकल कालेज को दान कर दी हैं। आरएसएस के जिला कार्यवाह पृथ्वी सिंह ने बताया कि शिवम में ये संघ के ही संस्कार थे, जब कोरोना संक्रमण काल में लोग घरों में बंद थे तब शिवम लोगों का जीवन बचाने हेतु आवश्यक सामग्री आदि लेकर आयुर्वेद औषधियां, संक्रमितों तक पहुंचाने का काम कर रहा था। चाहे वैदिक हवन आदि करवाने का कार्य हो या अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर के लिए घर-घर जाकर कोष एकत्रित करने का कार्य हो शिवम के हृदय में हमेशा जनसेवा और राष्ट्र प्रेम का भाव रहता था।

शिवम की आंखों ने दो जिदगियों को किया रोशन

अग्रोहा मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग प्रमुख डा. प्रवीण रेवड़ी ने बताया कि मृतक छात्र के स्वजनों की इच्छानुसार नेत्रदान किया गया है। जिसके कार्निया को दो नेत्रहीन लोगों को प्रत्यारोपित कर दिया गया है, एक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ये नेत्रहीन लोग संसार को देख सकेंगे।

स्कूल जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहा था शिवम

शिवम के स्वजनों ने बताया कि शिवम अग्रोहा के आरोही माडल स्कूल में नान मेडिकल में 12वीं कक्षा का छात्र था। शिवम गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा प्रमुख था,सुबह शाखा आदि लगाकर घर आकर अपनी दैनिक क्रियाकलाप आदि पूरा कर सुबह करीब आठ बजे अपना स्कूल बैग लेकर घर से निकला था और गांव के बस अड्डे पर अग्रोहा जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहा था।

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