Ellenabad by polls: बहुकोणीय मुकाबले में नहीं रही ऐलनाबाद सीट, कभी तीन तो कभी दो के बीच रही टक्‍कर

ऐलनाबाद सीट पर जल्‍द ही उपचुनाव होने जा रहा है। मगर इस सीट की खास बात ये है कि यहां मुकाबला दो से तीन प्रत्‍याशियों के बीच ही रहता है। बाकी सबकी जमानत जब्‍त हो जाती है। दो से तीन प्रत्‍याशियों के बीच ही सारे वोट बंटते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 08:46 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 08:46 AM (IST)
Ellenabad by polls: बहुकोणीय मुकाबले में नहीं रही ऐलनाबाद सीट, कभी तीन तो कभी दो के बीच रही टक्‍कर
ऐलनाबाद सीट के चुनाव पर हमेशा आमने-सामने की टक्कर में पिछड़ता रहा तीसरा उम्मीदवार

जागरण संवाददाता, सिरसा : ऐलनाबाद की खूबी रही है कि यहां मतदाता बहुकोणीय मुकाबला नहीं बनाते। अब तक हुए पांच चुनाव को छोड़ दें तो शेष में ही आमने-सामने का मुकाबला रहा है। इस हलके का यह रिकार्ड रहा है कि यहां कभी चौथा उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाया और जमानत गंवाकर ही बैठना पड़ा। यहां प्रथम चुनाव 1967 में हुआ। इस चुनाव में आमने-सामने का मुकाबला रहा।

इस चुनाव में 39486 वैध मत माने गए जिसमें प्रताप सिंह चौटाला को 20208 व लालचंद खोड़ को 17561 मत मिले जबकि तीन अन्य प्रत्याशियों की जमान नहीं बच पाई। इसके बाद 1968 में फिर से चुनाव आ गए। इस चुनाव में तीन प्रत्याशी मैदान में रहे जिनमें विशाल हरियाणा पार्टी के लालचंद खोड़ चुनाव जीत गए और कांग्रेस के ओमप्रकाश चौटाला चुनाव हार गए।लालचंद खोड़ को 20816 और ओमप्रकाश चौटाला को 15485 मत मिले। जबकि तीसरा उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाया। इसके बाद 1972 के आम चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से पांच प्रत्याशी मैदान में रहे जिनमें से तीन की जमानत जब्त हो गई।

इस चुनाव में कांग्रेस के बृजलाल गोदारा को 22266 मत मिले और निर्दलीय बीरबल को 15160 मत मिले जबकि तीन अन्य की जमानत नहीं बच पाई। इसके बाद 1977 के चुनाव में छह उम्मीदवार मैदान में रहे और यहां मुकाबला जनता पार्टी के भागीराम व निर्दलीय मनीराम के बीच रहा। भागीराम को 21769 व मनीराम को 14365 मत मिले। इसके अलावा चार प्रत्याशियों की जमानत नहीं बच पाई। 1982 के चुनाव में फिर छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में आए जहां लोकल के भागीराम 32341 मत व कांग्रेस के मनीराम को 26523 मत मिले जबकि चार अन्य की जमानत नहीं बच पाई।

1987 के चुनाव में भी आमने-सामने का मुकाबला रहा। लोकदल के भागीराम को 43912 तथा कांग्रेस के मनीराम को 28789 मत प्राप्त हुए जबकि नौ अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। 1991 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से 15 उम्मीदवार मैदान में उतरे लेकिन तिकोणा मुकाबला फिर भी नहीं बना और 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में कांग्रेस के मनीराम केहरवाला जीत गए और जनता पार्टी के भागीराम को हार का सामना करना पड़ा।

मनीराम केहरवाला को 39595 मत व भागीराम को 25834 मत मिले। इसके बाद 1996 के चुनाव में सर्वाधिक 21 प्रत्याशी मैदान में रहे और इस चुनाव में तीन को छोड़कर शेष प्रत्याशियों की जमानत नहीं बची। समता पार्टी के भागीराम को 37103, हरियाणा विकास पार्टी के करनैल सिंह को 29902 तथा कांग्रेस के मनीराम को 17071 मत मिले। 2000 के आम चुनाव में यहां नौ प्रत्याशी मैदान में रहे। जिनमें से सात जमानत नहीं बचा पाए और दो प्रत्याशियों की ही जमानत बच पाई।इस चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के भागीराम को 50232 तथा कांग्रेस के ओमप्रकाश केहरवाला को 35181 मत मिले तथा सात अन्य की जमानत नहीं बची।

2005 के चुनाव में यहां से सात प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा जिनमें इनेलो के डा. सुशील इंदौरा को 49796 मत, कांग्रेस के मनीराम को 27916 व निर्दलीय ओमप्रकाश केहरवाला को 26970 मत प्राप्त हुए। शेष अन्य की जमानत नहीं बच पाई। 2009 के चुनाव में आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे जिनमें से छह की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में इनेलो के ओमप्रकाश चौटाला को 64567 मत, कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल 48144 मत मिले।

2014 के चुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में आए और आमने-सामने के मुकाबले में 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में इनेलो के अभय सिंह चौटाला को 69162 मत मिले व बीजेपी के पवन बैनीवाल को 57623 मत मिले। 2019 के चुनाव में 13 प्रत्याशी मैदान में रहे जिसमें दस की जमानत जब्त हो गई। जिनमें इनेलो के अभय सिंह चौटाला को 57055 तथा भाजपा के पवन बैनीवाल को 47133 मत प्राप्त हुए। इस चुनाव में कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल को 35383 मत मिले थे।

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