गुरुजनों से मिली शिक्षा और ज्ञान सफलता का मूल मंत्र : डिप्टी स्पीकर

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए यह आह्वान किया है कि गुरु पूर्णिमा के पवित्र दिन पर हमें गुरुओं की अमूल्य शिक्षा को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:54 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:54 AM (IST)
गुरुजनों से मिली शिक्षा और ज्ञान सफलता का मूल मंत्र : डिप्टी स्पीकर
गुरुजनों से मिली शिक्षा और ज्ञान सफलता का मूल मंत्र : डिप्टी स्पीकर

जागरण संवददाता, हिसार : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए यह आह्वान किया है कि गुरु पूर्णिमा के पवित्र दिन पर हमें गुरुओं की अमूल्य शिक्षा को अपने जीवन में उतारना चाहिए। वे शनिवार को कैमरी रोड स्थित प्रणामी आश्रम तथा गांव गंगवा में स्थित बाबा रामदेव मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने गुरु स्वामी दयाल दास तथा गुरु स्वामी राज दास से आशीर्वाद लिया और कहा कि वह आज जिस मुकाम पर है, उसके पीछे गुरुजनों का ही स्नेह आशीष है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बीआर कंबोज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि गुरुजनों से मिली शिक्षा को हमें अपने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए। गुरुओं के बताए गए मार्ग पर चलना ही सर्वोत्तम

संवाद सहयोगी, हांसी : भाजपा हांसी ने मंडल अध्यक्ष अशोक ढालिया के नेतृत्व में शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर्व संतों का सान्निध्य प्राप्त कर बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान समस्त कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष अशोक ढालिया के नेतृत्व में महंत सागरनाथ के आश्रम पर गए व उनसे आशीर्वाद लिया। महंत सागरनाथ ने कहा कि विद्वानों, गुरुओं व साधु महात्माओं के द्वारा बताया गया मार्ग ही सर्वोत्तम है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व तभी सफल होगा, जब हम सभी गुरुओं के बताए हुए मार्ग पर चलेंगे। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता पूर्व में शिक्षक रहे ब्रह्मराज मित्तल व प्रकाश बंसल के प्रतिष्ठानों पर गए व उनसे पार्टी व देश-प्रदेश की जनता की भलाई के लिए आशीर्वाद लिया। ब्रह्मराज मित्तल व प्रकाश बंसल ने कहा कि गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊंचा माना गया है। जब बच्चा जन्म लेता है तो पहला गुरु उसकी मां होती है। तत्पश्चात उसका दूसरा गुरु शिक्षक होता है। जो उसको शिक्षा-दीक्षा देकर जीवन जीने का मार्ग सिखाता है। इस अवसर पर अशोक कनौजिया, रमेश मदान, अजय भारद्वाज, तनुज खुराना, आनंद वर्मा, प्रवीन सिगला, दुलीचंद नागोरा, ज्ञानी डाबी आदि उपस्थित थे।

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