हांसी में पीसीआर से बाइक सवार को कुचलने के मामले में ईएएसआइ गिरफ्तार

हांसी में सड़क किनारे खड़े युवक ने पुलिस पीसीआर को देखकर बाइक दौड़ा दी थी। पुलिस ने पीछा किया तो बाइक सवार पीसीआर से कुचला गया। इस मामले में जांच चल रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 04:31 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 04:31 PM (IST)
हांसी में पीसीआर से बाइक सवार को कुचलने के मामले में ईएएसआइ गिरफ्तार
हांसी में पीसीआर से बाइक सवार को कुचलने के मामले में ईएएसआइ गिरफ्तार

हिसार, जेएनएन। अपनों ने तो बचाने का प्रयास किया था लेकिन एक सीसीटीवी फुटेज ने सब बिगाड़ दिया। अब वही पुलिस वाले ईएएसआइ को गिरफ्तार कर ले गए हैं। मामला है 11 जुलाई का। जब एक पीसीआर को चला रहे एक ईएएसआइ पीसीआर इंचार्ज राजबीर सिंह को उनके साथी पुलिस वाले ही गिरफ्तार कर ले गए। इस मामले में पुलिस कप्तान ने ईएएसआइ को पहले ही सस्पेंड कर दिया था। ईएएसआई को जमानत पर छोड़ा गया था मगर अब फिर से उन्‍हें गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के अनुसार जींद चुंगी पर पीसीआर से 11 जुलाई को बाइक सवार को कुचल दिया गया था। उस समय पीसीआर इंचार्ज सहित अन्य दो पुलिस वालों पर मारने के आरोप लगे थे। घटना के बाद तीनों पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर भी किया गया था और इस मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।

गौरतलब है कि जींद चुंगी पर गगनखेड़ी निवासी रविंद्र बाइक पर अपने गांव जा रहा था। इसी दौरान पीसीआर ने उसे चेकिंग के लिए रुकवाया तो रविंद्र ने बाइक को भगा लिया। पीसीआर के पीछा करने के दौरान बाइक चालक पीसीआर के नीचे आकर कुचला गया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में दबाने के लिए पुलिस कर्मियों ने बाइक सवार के बिजली के पोल से टकराने की झूठी कहानी रच दी थी लेकिन बाद में सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी।

पीसीआर को ड्राइवर के बजाए पीसीआर इंचार्ज ईएएसआइ राजबीर चला रहा था। इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया था। परिजनों को पुलिस ने तीनों पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में जांच के दौरान सामने आए तथ्यों को देखते हुए हत्या का मामला नहीं दर्ज किया गया। इस मामले में आरोपित को अनाज मंडी पुलिस ने पकड़ा है। गिरफ्तार के बाद पुलिस बेल पर ईएएसआइ को जमानत देकर छोड़ दिया गया।

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