दुष्‍यंत चौटाला बोले- गुरु जंभेश्वर हैं सही मायने में पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी और बिश्नोई धर्मप्रवर्तक गुरु जम्‍भो जी के 570 वें जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 12:53 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 12:53 PM (IST)
दुष्‍यंत चौटाला बोले- गुरु जंभेश्वर हैं सही मायने में पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत
दुष्‍यंत चौटाला बोले- गुरु जंभेश्वर हैं सही मायने में पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत

हिसार, जेएनएन। बिश्नोई पंथ प्रवर्तक गुरु जम्भेश्वर महाराज सही मायने में पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत माने जाते हैं, जिस प्रकार से उन्होंने आज से सैंकड़ो वर्ष पूर्व पर्यावरण के महत्च को समझा और समाज को इस विषय में जागरूक किया। इससे उन्होंने पर्यावरण के प्रखर प्रवक्ता के तौर पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी और बिश्नोई धर्मप्रवर्तक गुरु जम्‍भो जी के 570 वें जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए यह बात कही। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बिश्नोई समाज को जीव व पर्यावरण प्रेमी बताते हुए कहा कि जो संदेश गुरु जम्भेश्वर महाराज ने पर्यावरण व जीव रक्षा को लेकर सन 1485 में दिया था, उसे सर्व समाज के प्रत्येक इंसान को अपने जीवन मे ढालना चाहिए। इसी से पर्यावरण व वातावरण सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर के बताए 29 नियमों का मुख्य सारांश भी जीव प्रेम व पर्यावरण संरक्षण ही है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अध्ययन करना उनकी स्वंय की मुख्य हॉबी है। जम्भ साहित्य को उन्होंने पढ़ा है उसमें भी जीव दया पालनी, रूंख लीलो न घावे की महत्ता पर जोर दिया गया है। अगर समाज का हर व्यक्ति इस बात को अपने सामान्य जीवन में धारण कर ले तो समाज की दशा और दिशा दोनों में अभूतपूर्व परिवर्तन हो सकता है। उपमुख्यमंत्री चौटाला ने कहा गुरु जम्भेश्वर के बताए रास्ते पर चलते हुए हमें वृक्ष न केवल लगाने चाहिए बल्कि हरे वृक्षों की देखभाल भी करनी चाहिए।

क्योंकि हरे वृक्ष हमें असंख्य जीवनदायिनी वस्तुएं प्रदान करते हैं, जो प्रकृति को संजोए रखते है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गुरु महाराज ने वृक्षों को जीवित देव की संज्ञा दी है तो हम सबको उनकी बताई गई शिक्षा का अनुसरण करते हुए जीव जंतुओं के साथ हरे वृक्षों की भी देखभाल करनी चाहिए ताकि इस सृष्टि को हर प्रकार से सुरक्षित रख सकें।

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