Hisar News: कोरोना काल में लोगों में बढ़ा मानसिक तनाव, लाइफस्टाइल और खाने की चीजों में बदलाव लाकर हो सकता उपचार

हिसार सिविल अस्पताल से फिजिशियन डाक्टर अजय चुग बताते हैं कि आईबीएस यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या तनाव के बाद सामने आती है। इसमें कभी पेट में दर्द होना कभी पेट साफ न होना बार-बार शौच जाना और कभी-कभी दस्त लगना जैसे लक्षण सामने आते हैं।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:59 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:59 AM (IST)
Hisar News: कोरोना काल में लोगों में बढ़ा मानसिक तनाव, लाइफस्टाइल और खाने की चीजों में बदलाव लाकर हो सकता उपचार
हिसार में कोरोना के बाद लोग तनाव भरी जिंदगी से परेशान।

हिसार, जागरण संवाददाता। तनाव भरी जिंदगी में पेट की समस्याएं बढ़ने लगी है। कोरोना काल में लोगों में मानसिक तनाव बढ़ा है। इससे बहुत से लोगों में पेट की समस्या बढ़ी है। सिविल अस्पताल से फिजिशियन डाक्टर अजय चुग बताते हैं कि आईबीएस यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या तनाव के बाद सामने आती है। इसमें कभी पेट में दर्द होना, कभी पेट साफ न होना, बार-बार शौच जाना और कभी-कभी दस्त लगना जैसे लक्षण सामने आते हैं।

 डा. अजय चुग ने बताया कि दिमाग और आंतड़ी का आपस में हार्मोनल कनेक्शन होता है। जिससे दिमाग आंतड़ी की चाल को नियंत्रित करता है कई लोग जिनका खान-पान टाइम से ना हो और वे मानसिक तनाव से गुजर रहे हो तो उनमें यह समस्याएं देखने को मिल सकती है। आंतड़ी की चाल में फर्क महसूस होने से आईबीएस में मरीज का पेट जल्दी फूलना, बार-बार शौच जाने पर पेट साफ न होना, खाना खाने के तुरंत बाद शौच जाना। साथ ही ऐसी समस्याएं भी सामने आती है।

यह करे उपचार आईबीएस एक फंक्शनल समस्या है।

लाइफस्टाइल बदलकर खाने की चीजों में बदलाव लाकर।

व्यायाम कर और डाक्टर की सलाह से, कुछ दवाइयों का सेवन करने से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

तनाव से बचे, जब भी तनाव बढ़ेगा पेट की समस्या बढ़ेगी और जब भी तनाव घटेगा, पेट की समस्या भी घटेगी।

इन बीमारियों में आई बढ़ोतरी

देखने में आता है कि मरीज को थायराइड और गेहूं के आटे से एलर्जी होने पर एलर्जी का टेस्ट लिखा जाता है क्योंकि दोनों ही बीमारियों में पेट में ऐसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसे मामलों में डाक्टरों से संपर्क करके ही उपचार करवाना चाहिए। आईबीएस से ग्रस्त होने पर डाइट पर ध्यान देना चाहिए। खासकर जिस चीज को खाकर आपके पेट से संबंधित उपरोक्त लक्षण बढ़ते हो। उन चीजों को पहचानकर उन्हें अपने खाने से दूर कर दे। अपने कई बार देखा होगा की कुछ लोगों में दूध छोड़ने पर उन्हें पेट की समस्या में आराम होता है और कुछ लोगों में दूध को डाइट में शामिल करने से आराम होता है।

इन बातों का रखें ध्यान

इसीलिए लोगों को अपने स्तर पर भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। डा अजय ने बताया कि गेहूं की एलर्जी जिसे हम सीलिपिक डिजीज कहते हैं। इसमें भी मरीज को पेट में दर्द की समस्या आती है। कई लोगों में मान्यता है कि सीलिपिक डिजीज बचपन में ही पता चल जाती है ऐसा नहीं है, क्योंकि अधिक आय में भी सीलिपिक डिजीज यानी गेहूं की एलर्जी के केस मिले हैं और गेहूं छोड़ने पर ऐसे मरीजों को लाभ भी हुआ है। डा. अजय चुग ने बताया कि सीलिपिक डिजीज हम तभी कह सकते हैं। जब ब्लड टेस्ट पोजिटिव आए।

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