सिरसा में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी डायरेक्टर ने जांचे प्रबंध

सिरसा में शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की उपनिदेशक डा. दीपाली अग्रवाल नागरिक अस्पताल में पहुंची। उन्होंने अस्पताल में छोटे बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:19 PM (IST)
सिरसा में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी डायरेक्टर ने जांचे प्रबंध
विभाग की उपनिदेशक डा. दीपाली अग्रवाल नागरिक अस्पताल में जांच पड़ताल करते हुए

सिरसा, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के चलते स्वास्थ्य विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। इसी कड़ी में शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की उपनिदेशक डा. दीपाली अग्रवाल नागरिक अस्पताल में पहुंची। उन्होंने अस्पताल में छोटे बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य विभाग की उपनिदेशक ने अस्पताल में निर्माणाधीन आइसोलेशन सेंटर, ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया साथ ही नवजात बच्चों की नर्सरी व बच्चों के लिए अलग से बनाए वार्ड का भी निरीक्षण किया।

इस मौके पर उपनिदेशक डा. दीपाली अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि संक्रमण की तीसरी लहर में छोटे बच्चे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के बचाव के लिए सभी तैयारियां रखें। उन्होंने अस्पताल में पोस्ट कोविड मरीजों के लिए बनाए गए उमंग वार्ड, जच्चा बच्चा वार्ड, अायुष विंग, वैक्सीनेंटर सेंटर, कोरोना सैंपलिंग वार्ड इत्यादि का निरीक्षण किया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डा. संदीप गुप्ता, डा. अनीषा, डा. श्वेता डूडी, डा. पकंज व अन्य मौजूद रहे।

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अस्पताल में जरूरी इक्यूपमेंट्स के बारे में विभाग को लिखा

सिविल सर्जन डा. मनीष बांसल ने स्वास्थ्य विभाग की उपनिदेशक के समक्ष अस्पताल में छोटे बच्चों के इलाज के लिए नर्सरी में जरूरी मानीटर, वेंटिलेटर व अन्य इक्यूपमेंट्स की आवश्यकताएं रखी। उन्होंने बताया कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए जिले के छह निजी अस्पतालों के बाल रोग विशेषज्ञों से संपर्क किया गया है। इसके अलावा नागरिक अस्पताल में 10 बेड्स का आइसीयू बन रहा है, वह भी प्रयोग में लाया जा सकता है। अस्पताल में सभी बेड्स तक आक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जा रही है साथ ही पीछे की तरफ एक हजार लीटर क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। निकू वार्ड में नवजात बच्चों के उपचार का प्रबंध किया गया है वहीं बड़े बच्चों के लिए 25 बेड्स का अलग से वार्ड तैयार किया गया है।

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