कोरोना संक्रमण के चलते हरियाणा में घराें में जाकर खिलाई जा रही है एल्बेंडाजोल गोलियां

28 फरवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत 19 साल तक के बच्‍चों को टेबलेट खिलाई जाएंगी इसके अलावा 20 से 24 साल तक की महिलाओं को भी एल्बेंडाजोल टेबलेट्स खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 01:27 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 01:27 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के चलते हरियाणा में घराें में जाकर खिलाई जा रही है एल्बेंडाजोल गोलियां
28 फरवरी तक चलेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, उसके बाद तीन दिन चलेगा मॉप अप दिवस कार्यक्रम

सिरसा, जेएनएन। देशभर में चलाए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत जिले के एक से 19 साल तक के बच्चों को घर घर जाकर आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम एल्बेंडाजोल की गोलियां खिला रही है। मंगलवार को दूसरे दिन भी जिलेभर में यह कार्यक्रम जारी रहा। 28 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत जिले के चार लाख 29 हजार 121 बच्चों को गोलियां खिलाई जाएगी। इसके अलावा 20 से 24 साल तक की 35 हजार महिलाओं को भी एल्बेंडाजोल टेबलेट्स खिलाने का लक्ष्य रखा है।

उप सिविल सर्जन डा. शम्मी जिंदल ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम 22 फरवरी से शुरू हुआ है और 28 फरवरी तक चलेगा। कोरोना के चलते स्कूल न खुलने के कारण बच्चों को घरों में जाकर एल्बेड़ाजोल टेबलेट्स खिलाई जा रही है। वही जो बच्चे व महिला बच जाएंगे उन्हें एक से तीन मार्च तक मॉप अप दिवस के तहत गोलियां खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को व 20 से 24 साल तक महिलाओं को यह गोली खानी आवश्यक है।

पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास रूक जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चों से लेकर बड़ों तक साल में दो बार एल्बेंडाजोल गोली का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। उन्होंने बताया कि 20 से 24 साल तक की उन महिलाओं को टेबलेट्स दी जा रही हैं जो गर्भवती नहीं है अथवा छोटे बच्चों को स्तनपान नहीं करवा रही।

कृमि संक्रमण के लक्षण

जैसे कि दस्त लगना ,पेट में दर्द होना ,कमजोर होना,उल्टी लगना और भूख ना लगना , पढ़ाई में मन ना लगना व खून की कमी होना व अन्य परेशानी होना।

पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल गोली की मात्रा

एक से दो साल के बच्चों के लिए आधी गोली चम्मच में पीसकर दी जानी है। दो से तीन साल के बच्चों को पूरी गोली चम्मच में पीसकर दी जानी है। तीन साल से 24 साल तक के बच्चों व महिलाओं को पूरी गोली चबाकर खिलाने की हिदायत दी गई हैं। ध्यान रहे कि यह गोली खाली पेट ना खाई जाए।

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