नशे के साथ पकड़े शातिर ने पुलिस को ही धोखे के जाल में उलझाया, सच सामने आया तो पैरे तले खिसकी जमीन

आरोपित ने खुद की जगह अपने एक मृत रिश्तेदार का नाम पुलिस को बताया। उसी नाम के आधार पर जमानत भी करवा ली और रफूचक्कर हो गया। पुलिस उसे गिरफ्तार करने पते पर पहुंची तो सच्चाई का पता चला।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 07:49 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 07:49 PM (IST)
नशे के साथ पकड़े शातिर ने पुलिस को ही धोखे के जाल में उलझाया, सच सामने आया तो पैरे तले खिसकी जमीन
खुलासा तब हुआ जब एसपी के निर्देश पर जांच शुरू हुई।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। ढाई साल पहले नशीले पदार्थ की तस्करी में पकड़ा गया एक शख्स पुलिस को ही धोखे के जाल में उलझा गया। खुद की बजाय उसने पुलिस को अपने एक ऐसे रिश्तेदार का नाम खुद के नाम की जगह लिखवा दिया, जो मर चुका था। बाद में उसी नाम के आधार पर जमानत भी करवा ली और रफूचक्कर हो गया। कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ तो पुलिस भी उसी नाम और पते के आधार पर तलाश में निकली। मगर खाकी भी तब सहम गई जब उसे पता लगा कि जिस नाम के शख्स को उसने अफीम के साथ पकड़ा था, वह तो गिरफ्तारी के पहले ही मर चुका था। पहली बार में तो पुलिस के पैरों तले की जमीन खिसक गई। फिर उसी गांव में बाप-बेटे के मिलते-जुलते नाम के एक शख्स तक पहुंची, लेकिन वह शख्स कभी ऐसे किसी मामले में पकड़ा ही नहीं गया था। आखिर में खुलासा तब हुआ जब एसपी के निर्देश पर जांच शुरू हुई और बहादुरगढ़ शहर थाना में असल अभियुक्त के खिलाफ केस दर्ज हुआ। हालांकि वह हाथ नहीं आया है। 

अगस्त 2018 में अफीम की तस्करी में काबू किया था

बहादुरगढ़ सीआइए ने अगस्त 2018 में एक शख्स को अफीम की तस्करी में काबू किया था। नाम पूछा तो उसने अपना नाम जगबीर, पिता का जयलाल और गांव का नाम सुरहेती बताया। पुलिस ने इसी नाम के साथ कोर्ट में रिकार्ड दे दिया था। उसी नाम की शिनाख्त और जमानत के लिए कोर्ट में दो व्यक्ति भी हाजिर हो गए। जमानत भी दे दी गई। मगर पेंच यह था कि जिसे तस्करी में पकड़ा गया था। वह जगबीर था हीं नहीं। बल्कि सुनील नाम का शख्स था। जगबीर तो सुनील का रिश्तेदार था तो पहले ही मर चुका था। सुनील ने शायद पुलिस के साथ यह धोखा इसलिए किया ताकि वह बाद में साफ बच जाए और कोर्ट मृतक समझकर फाइल ही बंद कर दे।

दूसरे व्यक्ति के घर दो बार पहुंच गई पुलिस

बाद में पुलिस को जब जगबीर नहीं मिला और बताया कि वह मर चुका है तो पुलिस को यकीन नहीं हुआ। इसी गांव में जुगवीर पुत्र जयपाल के पास पहुंच गई। दो बार पुलिस ने उसके घर दस्तक दी कि कहीं वही जगबीर तो नहीं। वह मना करता रहा कि उसका इस केस और नशे की तस्करी से काेई लेना-देना नहीं। आखिर में जुगवीर ने दिसंबर 2020 में झज्जर एसपी को शिकायत दी। एसपी की शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस जिस जुगवीर को आरोपित मानकर चल रही थी, वह अब फरियादी और पीड़ित मिला। 

सुनील बताया जा रहा असल अभियुक्त का नाम 

थाना शहर बहादुरगढ़ के जांच अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि इस मामले में अब असल अभियुक्त की तलाश है। उसका नाम सुनील बताया जा रहा है। कोर्ट में उसकी जमानत और शिनाख्त करने वालों की पहचान के लिए कोर्ट से रिकार्ड लिया जाएगा। 

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