बहादुरगढ़ में बढ़ रहा है नशीली दवाओं का कारोबार, एनसीबी की टीम की छापेमारी में मिली खेप

चार सप्ताह के अंदर ही एनसीबी की टीम ने शुक्रवार को यहां पर दूसरी बार छापेमारी की। इसमें एक मेडिकल स्टोर से नशे में प्रयोग की जाने वाली दवाओं की खेप बरामद हुई है। इस पर स्टोर संचालकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज की जा रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 01:34 PM (IST)
बहादुरगढ़ में बढ़ रहा है नशीली दवाओं का कारोबार, एनसीबी की टीम की छापेमारी में मिली खेप
नशीली दवाओं की बिक्री की सूचना पर एनसीबी की टीम ने बहादुरगढ़ में छापेमारी की है

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में इन दिनों नशीली दवाओं का कारोबार बढ़ रहा है। ऐसे में एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्राेल ब्यूरो) ने यहां पर नजर टिका ली है। चार सप्ताह के अंदर ही एनसीबी की टीम ने शुक्रवार को यहां पर दूसरी बार छापेमारी की। इसमें एक मेडिकल स्टोर से नशे में प्रयोग की जाने वाली दवाओं की खेप बरामद हुई है। इस पर स्टोर संचालकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) के तहत एफआइआर दर्ज की जा रही है। मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। यहां पर 14 प्रकार की ऐसी दवाइयां बरामद हुई है, जिनको नशे के तौर पर बेचा जा रहा था। दरअसल, कई दिनों से एनसीबी की टीम नशीली दवाओं के अवैध कारेाबार को रोकने के लिए सक्रिय है।

इसी कड़ी में टीम काे बहादुरगढ़ के विवेकानंद नगर में स्थित महावीर मेडिकल स्टोर पर नशे की दवाओं बिक्री की गुप्त सूचना मिली थी। इस पर झज्जर के ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम को भी बुलाया गया। झज्जर से ड्रग कंट्रोल आफिसर संदीप हुड्डा पहंचे। एनसीबी और झज्जर की टीम की तरफ से संयुक्त कार्रवाई की गई। छापेमारी में टीम ने मेडिकल स्टोर के रिकार्ड और दवाओं का स्टाक चेक किया। यहां पर दवा बिक्री का लाइसेंस तो था, लेकिन जिन दवाओं की बिक्री की जा रही थी उनकी खरीद और बिक्री का पूरा रिकार्ड मेल नहीं खा रहा था। इस पर टीम ने यहां से 14 तरह की दवाओं की खेप अपने कब्जे में ली।

इनमें वे दवाइयां हैं जो आम तौर पर खांसी और डिप्रेशन में प्रयोग की जाती है, लेकिन इनका प्रयोग नशे में हो रहा है। ये दवाएं अनिंद्रा और बेचैनी में ली जाती है। इनमें इंजेक्शन भी शामिल हैं। मेडिकल स्टोर से टीम ने बहादुरगढ़ के रहने वाले नरेश को काबू किया। उसका पार्टनर योगेंद्र अभी फरार है। वह भी बहादुरगढ़ का रहने वाला है। झज्जर के ड्रग कंट्राेल आफिसर संदीप हुड्डा ने बताया कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।

चार दिन पहले दिल्ली में पकड़ा था बहादुरगढ़ का अवैध दवा विक्रेता :

एनसीबी की टीम ने चार दिन पहले दिल्ली में दवा बिक्री कर रहे बहादुरगढ़ की अग्रवाल कालोनी के सचिन को काबू किया था। आरोप है कि वह दिल्ली में नशीली दवाओं का अवैध कारोबार कर रहा था। बाद में एनसीबी की टीम ने उसके घर पर छापेमारी करके यहां से दवाइयों की 12 पेटी बरामद की थी। हालंकि उसमें कार्रवाई दिल्ली में हुई थी, इसलिए झज्जर के ड्रग विभाग की टीम को सूचना नहीं दी गई थी। बताया जा रहा है कि सचिन से इनपुट मिलने के बाद ही एनसीबी की टीम ने दोबारा बहादुरगढ़ में दस्तक दी। शुक्रवार को काबू किए गए नरेश और पहले से पकड़े गए सचिन के तार भी आपस में जुड़े हैं।

आठ साल पहले पकड़ा जा चुका है सचिन :

खास बात यह है कि नशीली दवाओं के गैरकानूनी कारोबार में ही सचिन आठ साल पहले झज्जर की टीम द्वारा पकड़ा जा चुका है। वह मामला भी अभी चल रहा है। उसका लाइसेंस तभी रद कर दिया गया था। बहादुरगढ़ में पकड़े जाने के बाद उसने अब दिल्ली में अपना नेटवर्क जमाया हुआ था और घर में भारी स्टाक रखता था।

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