सिरसा डीआरओ बोले- मैं अभय चौटाला के साथ पढ़ा हूं, मुद्दों से अलग बात हुई तो किसान वार्ता छोड़ चले गए

किसानों का आरोप है कि डीआरओ ने मुद्दे से भटकते हुए कहा कि मैं इनेलो नेता अभय सिंह के साथ पढ़ा हूं। इस बात पर दूसरे पक्ष ने जवाब-तलबी की तो डीआरओ बोले मांगे जायज हैं पर मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। किसान वार्ता छोड़ बाहर आ गए।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:56 PM (IST)
सिरसा डीआरओ बोले- मैं अभय चौटाला के साथ पढ़ा हूं, मुद्दों से अलग बात हुई तो किसान वार्ता छोड़ चले गए
एसडीएम कार्यालय में भारत माला परियोजना में आ रही त्रुटियों को दूर करने के लिए रखी गई थी बैठक

संवाद सहयोगी, डबवाली : बृहस्पतिवार को किसानों ने डबवाली लघुसचिवालय में डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) चांदी राम का घेराव कर लिया। किसान नारेबाजी करते हुए उनकी गाड़ी के आगे बैठ गए। मौके पर पहुंचे एसडीएम राजेश पूनिया ने किसानों को समझाकर शांत किया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डीआरओ को जाने दिया।

दरअसल, डीआरओ भारत माला सड़क परियोजना के संदर्भ में किसानों से बातचीत करने आए थे। दोनों पक्षों में वार्ता एसडीएम राजेश पूनिया की अदालत में शुरू हुई थी। बैठक में नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारी मौजूद थे। किसानों ने 14 सूत्री मांग पत्र अधिकारियों के आगे रखते हुए कहा कि परियोजना के तहत गांव जोगेवाला से चौटाला तक की जमीन अधिग्रहण की जानी है। यह तभी मुमकिन होगा जब अवार्ड संबंधी त्रुटियां दूर होंगी।

किसानों का आरोप है कि डीआरओ ने मुद्दे से भटकते हुए कहा कि मैं इनेलो नेता अभय सिंह के साथ पढ़ा हूं। इस बात पर दूसरे पक्ष ने जवाब-तलबी की तो डीआरओ बोले मांगे जायज हैं, पर मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। वे अदालत में जा सकते है। यह सुनने के बाद किसान वार्ता छोड़ बाहर आ गए। एसडीएम कार्यालय के समक्ष नारेबाजी शुरू कर दी। जब डीआरओ जाने लगे तो एक किसान उनकी गाड़ी के आगे लेट गया।

डीआरओ के रवैये के कारण विफल रही वार्ता

किसान निशांत भांभू, कुलदीप सिंह, दया राम उलाणिया, राकेश फगोडिया, बलकरण सिंह ने बताया कि केंद्रीय अधिनियम 2013 के अनुसार भूमि परचेज कमेटी बनाई जानी थी। जो बाजार भाव तय करती। उसका चार गुणा किसानों को दिया जाना चाहिए था। कमेटी बनाई ही नहीं गई। इसके अलावा सोशल इम्पेक्ट एसेसमेंट कमेटी सरकार की ओर से गठित की जानी थी। वह नहीं बनाई गई।

राजस्व अधिकारियों द्वारा अवार्ड प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बनाया जाना था, वह भी नहीं बनाया गया। राजस्व विभाग अधिकारियों ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों को केवल मात्र 600 से 1000 रुपये प्रति वर्ग मीटर का रेट दिया गया है। महज 23 एकड़ का मूल्य चौटाला गांव से 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर दिया गया है। सभी को 5000 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिलना चाहिए। इसके अलावा 11 अन्य मांग रखी गई है। डीआरओ के रवैये के कारण वार्ता विफल रही।

-- - जो कानून के दायरे में है, वह हम कर रहे है। प्रदर्शनकारी राजनीतिक लोग है। मैं राजनीतिक नहीं हूं। मुझे नहीं पता ये लोग क्या बात कह रहे हैं (अभय सिंह के बारे में पूछने पर)।

-चांदी राम, डीआरओ सिरसा

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