बहादुरगढ़ में खत्म होगा पेयजल का संकट, एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग ने दी बजट को मंजूरी

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस कार्य के लिए बजट की स्वीकृति दे दी गई है। माइनर की सीसी लाइनिंग पर आने वाला खर्च इन दोनों विभागों की ओर से दिया जाएगा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 04:21 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 04:21 PM (IST)
बहादुरगढ़ में खत्म होगा पेयजल का संकट, एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग ने दी बजट को मंजूरी
बहादुरगढ़ में माइनर की सीसी लाइनिंग (दोनों तरफ सीमेंटिड दीवार) की प्रकिया अब जल्द सिरे चढ़ जाएगी।

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ के शहरी क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति देने वाली बीडब्ल्यूएस (बहादुरगढ़ वाटर सप्लाई) माइनर की सीसी लाइनिंग (दोनों तरफ सीमेंटिड दीवार) की प्रकिया अब जल्द सिरे चढ़ जाएगी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस कार्य के लिए बजट की स्वीकृति दे दी गई है। माइनर की सीसी लाइनिंग पर आने वाला खर्च इन दोनों विभागों की ओर से दिया जाएगा है। एस्टीमेट में दोनों की खर्च राशि तय कर दी गई है। इसको सरकार से मंजूरी के बाद टेंडर जारी होने की दो माह की अवधि में माइनर का सुधार कार्य पूरा हो जाएगा। इससे शहर के अंदर पेयजल का संकट दूर हो सकेगा।

यह रहेगा बजट

इस माइनर की देखरेख सिंचाई विभाग की दिल्ली डिवीजन के पास है। चूंकि सिंचाई विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी को पानी दिया जाता है। ऐसे में यह डिपाेजिट वर्क होगा। इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग को दो करोड़ और एचएसवीपी को एक करोड़ से अधिक रुपये जमा करवाने हैं। दोनों विभागों में इसके लिए प्रकिया चल रही है। दोनों विभागों ने अपने-अपने हिस्से के बजट के लिए सिंचाई विभाग को मंजूरी दे दी है।

माइनर की क्षमता हो जाएगी 45 क्यूसिक

फिलहाल माइनर खस्ता हाल है। ऐसे में पर्याप्त पानी नहीं मिला। इसको लेकर जन स्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी में तकरार भी होती रही है। जब तक सीसी लाइनिंग होगी तब तक साथ लगती दूसरी माइनर से शहर को कच्चा पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद इस माइनर की क्षमता बढ़कर 45 क्यूसिक हो जाएगी। जिस वक्त इस माइनर का निर्माण कराया गया था, तब शहर की आबादी आज के हिसाब से करीब 30 फीसद तक कम थी। मुख्य जल घर के अलावा कहीं और बूस्टिंग स्टेशन नहीं थे। तब इस माइनर से पर्याप्त पानी मिलता था। अब तक एक तरफ आबादी काफी बढ़ चुकी है और दूसरी तरफ माइनर खस्ता हाल हो गई है।

यह है जरूरत

जन स्वास्थ्य विभाग को रोजाना 22 क्यूसिक पानी चाहिए। एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई देने में भी 11 क्यूसिक पानी की खपत होती है। इन दिनों जरूरत के हिसाब से कम पानी मिल रहा है। ज्यादा गर्मी में संकट और बढ़ जाता है। उस समय पानी की उपलब्धता घट जाती है और डिमांड बढ़ जाती है। दूसरी ओर एचएसवीपी को 14.25 क्यूसिक पानी चाहिए, मगर विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस समय 10 क्यूसिक पानी भी नहीं मिल रहा है। माइनर के सुधार के बाद एचएसवीपी को 20 क्यूसिक पानी मिलेगा।

----माइनर की सीसी लाइनिंग के लिए प्रक्रिया चल रही है। एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग ने बजट की स्वीकृति दे दी है। इस पर एस्टीमेट भेज दिया है। इसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।

--विनोद कुमार, एसडीओ, सिंचाई विभाग

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