एचएयू के सस्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सतबीर सिंह पूनियां हुए सेवानिवृत्त

जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि महाविद्यालय के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 06:09 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 06:09 AM (IST)
एचएयू के सस्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सतबीर सिंह पूनियां हुए सेवानिवृत्त
एचएयू के सस्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सतबीर सिंह पूनियां हुए सेवानिवृत्त

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि महाविद्यालय के सस्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सतबीर सिंह पूनिया 31 वर्षों तक विश्वविद्यालय में सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए। उनकी सेवानिवृत्ति पर कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी। डा. पूनियां ने 1983 में विश्वविद्यालय में जिला विस्तार विशेषज्ञ (एग्रोनॉमी) के रूप में अपने करियर की शुरूआत की। वर्तमान में प्रोफेसर, हेड-कम-प्रिसिपल साइंटिस्ट ऑफ एग्रोनॉमी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वीड साइंस के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2010 के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ वीड साइंस के फैलो के रूप में सम्मानित किया गया। उनके नेतृत्व में हिसार स्थित एआइसीआरपीडब्ल्यूएम सेंटर को दो बार 2013 और 2018 के दौरान सर्वश्रेष्ठ एआइसीआरपीडब्ल्यूएम सेंटर के साथ सम्मानित किया गया। कृषक समुदाय के लिए उनकी बेहतरीन सेवाओं को देखते हुए उन्हें 2016 के दौरान भारत रत्न मदर टेरेसा गोल्ड मेडल अवार्ड और 2020 के दौरान इंडियन सोसायटी ऑफ जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और डेवलपमेंट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से अलंकृत किया गया। उन्हें 2019 और 2020 के दौरान इंटरनेशनल वीड साइंस सोसायटी और हरियाणा एग्रोनॉमिस्ट एसोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता और एक्सटेंशन साइंटिस्ट अवा‌र्ड्स से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा डॉ. पूनिया को बेहतरीन शैक्षणिक कार्य के लिए भी कई अवार्ड मिल हैं। अपने किसानों के साथ स्नेह और उनके सहयोग के लिए हरियाणा व पंजाब के किसान उन्हें घास फूस की दवाईयों वाला पूनिया डॉक्टर के नाम से जानते हैं। सेवानिवृत्ति समारोह में पंजाब विश्वविद्यालय लुधियाना के सस्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एम.एस. भूल्लर व उनकी टीम द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। सिरसा जिले की जट समाज सभा द्वारा उन्हें सिरोपा व पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा मिरजापुर (रानियां) के किसानों द्वारा उन्हें गुरूग्रंथ भेंट किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विज्ञानी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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