गधी के दूध के बड़े फायदे, हरियाणा में खुल गई डेयरी, अब विज्ञानी करेंगे रिसर्च, महंगे बिकते हैं इससे बने प्रोडक्‍ट

हरियाणा के हिसार में गधी से डेयरी की शुरुआत की गई है। गुजरात की हलारी नस्ल की गधियां मंगाई गई हैं। कुल 18 गधियां रखी गई हैं। बाजार में गधी का दूध 7 हजार रुपये लीटर है। कैंसर में भी गधी का दूध उपयोगी बताया जाता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:01 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:43 PM (IST)
गधी के दूध के बड़े फायदे, हरियाणा में खुल गई डेयरी, अब विज्ञानी करेंगे रिसर्च, महंगे बिकते हैं इससे बने प्रोडक्‍ट
देश में पहली बार विज्ञानी गधी के दूध की न्यूट्रिशन वैल्यू जानेंगे।

जागरण संवाददाता, हिसार। कहते हैं कि ब्रिटेन की महारानी बिक्टोरिया अपनी सुंदरता बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थी। मगर वैज्ञानिक दृष्टि से यह साबित नहीं हुआ है कि गधी का दूध कितना फायदेमंद होता है। ऐसे में देश में पहली बार हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) में गधी के दूध पर शोध शुरू किया जा रहा है।

विज्ञानी गधी के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वों और माइक्रो न्यूट्रिएंट का पता लगाएंगे। ताकि इस आधार पर वह साबित कर सकें कि गधी का दूध इन प्रमुख तत्वों के मिलने से काफी लाभदायक है। विज्ञानी बताते हैं कि लिटरेचर की मानें तो गधी के दूध में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं। इसलिए यह बीमारी में जल्दी रिकवर करने में मदद करता है। यहां तक कि गधी का दूध कैंसर तक में उपयोगी है। इन्ही प्रश्नों के जवाब पाने के लिए विज्ञानियों ने एनआरसीई में यह डेयरी शुरू की है। गौरतलब है कि बाजार में गधी के दूध के दाम का आकलन करें तो सात हजार रुपये लीटर तक कीमत है। इस दूध से बनने वाले प्रोडक्ट, जिनमें साबुन, ब्यूटी क्रीम आदि तो कई गुना महंगे बिकते हैं।  

जेनी दूध डेयरी रखा गया है नाम

एनआरसीई में इस डेयरी को खोलने के लिए पहले ही योजना तैयार कर ली गई थी। गुजरात से हलारी नस्ल की गधियां भी मंगा ली गईं। मगर कोविड महामारी आने के कारण यह डेयरी शुरू नहीं हो सकी। लिहाजा अब शुक्रवार को डेयरी शुरू किया गया। इसका नाम जेनी (गधी) दूध डेयरी रखा गया है। इस डेयरी का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से उप महानिदेशक डा. बीएन त्रिपाठी ने किया है। उन्होंने कहा कि इस डेयरी में हुए शोधों से गधी के दूध के अनजाने रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा। वहीं लोगों को गधी के दूध की महत्ता समझ आएगी तो गधी की देसी नस्लों को बढ़ावा मिलेगा।

18 पशुओं से डेयरी की हुई है शुरुआत

जेनी डेयरी में 18 पशुओं से डेयरी की शुरुआत की गई है। इसमें गुजरात की हलारी नस्ल की गधियां हैं। इसका शुभारंभ यहां गधी के दूध की न्यूट्रिशन व माइक्रो न्यूट्रिएंट वैल्यू पर शोध किया जाएगा। अभी तक यह माना जाता है कि गधी का दूध बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे बनने प्रोडक्ट प्रयोग करने पर सुंदरता आती है। मगर इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसी लिए एनआरसीई में गधी के दूध पर शोध कर उसे वैज्ञानिक दृष्टि से आंका जाएगा।

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