फतेहाबाद के गांव भूंदडा के गुरुद्वारा का गुबंद गिरा, मलबे के नीचे दबने से राजमिस्त्री की मौत

भूना खंड के गांव भूंदडा के गुरुद्वारा का गुबंद अचानक गिर गया। जिसके मलबे तले दबने से एक राज मिस्त्री की मौत हो गई। जिसकी पहचान राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव गुद्दा निवासी अशोक कुमार के रूप में की गई है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:38 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:38 PM (IST)
फतेहाबाद के गांव भूंदडा के गुरुद्वारा का गुबंद गिरा, मलबे के नीचे दबने से राजमिस्त्री की मौत
फतेहाबाद में जेसीबी मशीनों व ग्रामीणों ने मलबा हटाकर राजमिस्त्री को बाहर निकाला, मगर देर हो चुकी थी

फतेहाबाद/भूना, जेएनएन। फतेहाबाद में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। भूना खंड के गांव भूंदडा के गुरुद्वारा का गुबंद अचानक गिर गया। जिसके मलबे तले दबने से एक राज मिस्त्री की मौत हो गई। जिसकी पहचान राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव गुद्दा निवासी अशोक कुमार के रूप में की गई है। घटना के बाद ग्रामीणों का मौके पर तांता लग गया। घटना की सूचना मिलते ही भूना पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और जांच कार्रवाई शुरू कर दी। गनीमत ये रही कि यहां पर 15 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन दोपहर का भोजन करने के लिए कुछ मजदूर अपने घर चले गए तो कुछ लोग दूसरे स्थान पर भोजन कर रहे थे। इससे पड़ा हादसा होने से टल गया।

जानकारी के अनुसार गांव भूंदडा के गुरुद्वारा में दीवारों पर टाइलें लगाई जाने का कार्य किया जा रहा था। पांच राजमिस्त्री उपरोक्त कार्य में लगे हुए थे। बुधवार दोपहर साढ़े 11 बजे ही तीन मिस्त्री दोपहर का खाना खाने के लिए उपरोक्त कार्यस्थल से बाहर आ गए और गुरुद्वारा के आंगन में बैठकर खाना खाने लगे। बुधवार दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर एकमात्र राज मिस्त्री दीवारों पर टायल लगा रहा था कि अचानक गुरुद्वारे का गुबंद गिर गया और उपरोक्त राजमिस्त्री मलबे नीचे दब गया। चीख-पुकार की आवाज सुनकर आसपास के दर्जनों श्रद्धालु मौके पर पहुंच गए और साथ ही सैकड़ों ग्रामीण भी गुरुद्वारे में पहुंच गए। इसी बीच बचाव कार्य शुरू कर दिया गया और ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मलबा हटाकर राज मिस्त्री को बचाने का प्रयास किया।

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मुनादी करवाते ही पूरा गांव आ गया मौके पर

गुरुद्वारा का मलबा गिरने की सूचना जैसे ही ग्रामीणों के पास पहुंची तो पूरे गांव से लोग पहुंच गए। दो जेसीबी मशीनों के माध्यम से वह 6 ट्रैक्टर ट्रालिओं द्वारा मलबा हटाए जाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया। करीब 2 घंटे 30 मिनट तक चले उपरोक्त रेस्क्यू आपरेशन के दौरान 200 से अधिक लोग मलबा हटाने में जुटे हुए थे। 2 बजकर 35 मिनट पर पर राजमिस्त्री अशोक को बाहर निकाला गया। घटना होते ही एंबुलेंस को फोन कर दिया था। राजमिस्त्री अशोक को बाहर निकालते ही उसे एंबुलेंस की सहायता से भूना अस्पताल में लेकर आया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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40 साल पहले बनाया गया था गुरुद्वारा

ग्रामीणों की माने तो गुरुद्वारा का निर्माण कार्य 40 साल पहले किया गया था। लेकिन समय के अनुसार उसकी रिपेयरिंग आदि की गई। लेकिन अब इसकी गुबंद खराब होने लग गई थी। लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधक की तरफ से टाइलें लगवाने का कार्य शुरू किया गया। जिसमें पांच राजमिस्त्री के अलावा अन्य मजदूर भी लगे हुए थे। ग्रामीणों की माने तो गुुरुद्वारा गिरने वाला नहीं था। लेकिन ये अनहोनी हो गई।

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सुबह श्रद्धालु आते है यहां पर

गनीमत ये रही कि यह गुबंदा निर्माण कार्य के दौरान किया। सुबह के समय सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर अरदास करने के लिए आते है। लेकिन निर्माण कार्य चलने के कारण अब केवल आंगन में अरदास हो रही थी। अगर यह हादसा सुबह के समय होता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

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