कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आखिरकार जागरूक हुए आंदोलनकारी, जांच करने को पंजाब से बुलाई डाॅक्टरों की टीम
बहादुरगढ़ में आंदोलनकारी किसान कोरोना टेस्ट के लिए मान गए हैं। लेकिन इसके लिए पंजाब के डॉक्टरों की टीम आएगी। हरियाणा के डॉक्टरों से कोरोना जांच कराने को मना कर दिया है। आंदोलन स्थल पर सफाई रखने व सैनिटाइजर का स्प्रे करने के लिए स्वयंसेवकों की टीम बनाई गई है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन चला रहे आंदोलनकारियों ने आखिरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कदम उठा ही लिया है। आंदोलनकारियों ने अब आंदोलन में खांसी व बुखार से पीड़ित लोगों का चेकअप कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए हरियाणा के डॉक्टरों की बजाय पंजाब से डॉक्टरों की टीम बुलाई है।
बुधवार तक पंजाब से डॉक्टरों की टीम आंदोलन स्थल पर पहुंच जाएगी। कैंप लगाकर यहां पर आंदोलनकारियों की जांच की जाएगी और उनका इलाज किया जाएगा। साथ ही आंदोलन स्थल पर सफाई रखने और सैनिटाइजर का स्प्रे करने के लिए स्वयंसेवकों की भी टीम बनाई गई है। बुधवार से आंदोलन स्थल पर सफाई का कार्य व सैनिटाइजर का स्प्रे करने का काम शुरू किया जाएगा।
लोंगोवाल बोले, कोरोना गंभीर बीमारी नहीं
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने इस बारे में बताया कि कोरोना कोई गंभीर बीमारी नहीं है। सिर्फ सरकार ने इस बीमारी का नाम बड़ा कर दिया है। वो सिर्फ इसलिए कि सरकार इस बीमारी की आड़ में आमजन के खिलाफ नीतियां लागू करना चाहती है। तीन कृषि सुधार कानून भी इसी बीमारी की आड़ में लागू किए हैं। अब सरकार इस बीमारी की आड़ में हमारे आंदोलन को समाप्त करना चाह रही है। मगर हम सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।
पंजाब के डॉक्टरों पर विश्वास
हमारे संगठनों ने आंदोलन को मजबूती देने के लिए खुद ही कोरोना संक्रमण रोकने का निर्णय लिया है। पंजाब के डॉक्टर हमारे आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। अब यहीं डॉक्टर पंजाब से आकर आंदोलन स्थल पर यहां खांसी-बुखार के मरीजों की जांच करेंगे। सफाई व सैनिटाइजर का स्प्रे करने के लिए स्वयंसेवकों की टीमों का गठन कर दिया गया है।
आज पंजाब से आएगा 15 हजार से ज्यादा का काफिला
बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में चल रही सभा के घोड़री बीबी गुलाब कौर नगर मंच से आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए जसविंदर सिंह ने कहा कि 21 अप्रैल को गदर आंदोलन का स्थापना दिवस दिल्ली मोर्चा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जाएगा। सभी विशेष लोगों से इस विशेष दिन पर आने की अपील की गई है। पंजाब के 15 हजार पुरुषों और महिलाओं का एक काफिला दिल्ली मोर्चे को मजबूत करने के लिए आ रहा है। यह लंबे समय तक रहने की व्यवस्था करेगा।
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