जीना इसी का नाम है... डॉक्टर पत्नी को कोरोना, 9 साल की बेटी को वीडियो कॉल से भाप लेना सिखा रहे डॉ. विकास

झज्जर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. का परिवार मिसाल है। पत्नी कोरोना पॉजिटिव है। 9 साल की बेटी घर पर अकेली है। करीब एक साल पहले आई कोरोना की लहर के बाद से प्राय पूरा परिवार ठीक ढंग से साथ नहीं रहा पाया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 03:53 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 03:53 PM (IST)
जीना इसी का नाम है... डॉक्टर पत्नी को कोरोना, 9 साल की बेटी को वीडियो कॉल से भाप लेना सिखा रहे डॉ. विकास
पत्नी के संक्रमित होने की स्थिति में बाहर से मुलाकात कर डा. विकास वापिस लौट आते हैं।

झज्जर [अमित पोपली]। नौ साल की काशवी कक्षा चार में पढ़ती हैं। मां, डा. शैफाली मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है और पिता डा. विकास जिला झज्जर में बतौर चिकित्सा अधिकारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। करीब एक साल पहले आई कोरोना की लहर के बाद से प्राय: पूरा परिवार ठीक ढंग से साथ नहीं रहा पाया है।

काशवी के पिता डा. विकास को जिला झज्जर में दोहरी जिम्मेदारी मिली हुई हैं। पहले तो वह इसीलिए घर नहीं जा पाते थे, कि कहीं उनके संपर्क में आने से परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमित नहीं हो जाएं। मौजूदा समय में वह इसीलिए नहीं जा पा रहे, क्योकि इधर ड्यूटी का दबाव दोहरा है और पत्नी डा. शैफाली घर पर कोरोना संक्रमित। लेकिन, इन विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने सामंजस्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ड्यूटी के साथ-साथ हर संभव प्रयास हो रहा है कि परिवार का भी ध्यान रखा जाए और ड्यूटी में भी कोई कमी नहीं रहे।

विश्राम गृह में रहकर ड्यूटी दे रहे डा. विकास

दरअसल, चिकित्सा अधिकारी डा. विकास कोरोना की पहली लहर के बाद से प्राय: विश्राम गृह में रहकर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। कारण कि पिछले पूरा साल भर में परिस्थितियां सामान्य हुई ही नहीं। जिन दिनों में कुछ हद तक स्थिति सामान्य हुईं, उन दिनों में वह परिवार के पास भी गए। लेकिन, पिछला सप्ताह उनके लिए काफी पीड़ादायक साबित हुआ है। पत्नी डा. शैफाली को कोरोना हो गया है। 9 साल की बेटी दादा-दादी और परिवार के साथ हैं। गुरुग्राम में रह रहे परिवार से दिन-भर फोन पर ही बात हो पाती है। डा. विकास कक्षा चार में पढ़ने वाली अपनी बेटी काशवी को सुबह और रात के समय में दो दफा भाप लेने की प्रक्रिया वीडियो कॉल से ही समझाते हैं।

घर के बाहर से सामान देकर आ जाते हैं

डॉ. विकास पिछले सप्ताह एक-दो दफा घर गए भी हैं। लेकिन, बाहर से सामान देने के बाद ही वापस आ गए। पत्नी मकान के अलग कमरे में क्वारंटाइन हैं। उन्हें वे बाहर से ही मिलकर आए हैं। बातचीत के दौरान डा. विकास ने कहा कि राहत की बात यह है कि बेटी सहित परिवार के अन्य किसी सदस्य को संक्रमण नहीं है। पत्नी को भी एक सप्ताह हो गया है। बहुत जल्द वह भी ठीक हो जाएगी। चिकित्सक होने के नाते वह स्थिति को बेहतर ढंग से समझती हैं। इधर, जिला में भी ड्यूटी चल रही हैं। ऐसी स्थिति में वहां पर नहीं होने की बात पर परिवार में कोई नाराजगी नहीं हैं।

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