उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना, दो को छोड़कर 19 दिन बाद भी निजी अस्पतालों ने नहीं लगवाए बेड और लैब के रेट लिखे होर्डिंग

जिले में निजी अस्पतालों द्वारा ओवरचार्जिंग के मामलों में मिल रही शिकायत पर पांच जुलाई को जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए कड़े नियम निर्धारित किए थे। उपायुक्त ने निर्धारित नियमों का पालन करवाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:52 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:52 AM (IST)
उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना, दो को छोड़कर 19 दिन बाद भी निजी अस्पतालों ने नहीं लगवाए बेड और लैब के रेट लिखे होर्डिंग
उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना, दो को छोड़कर 19 दिन बाद भी निजी अस्पतालों ने नहीं लगवाए बेड और लैब के रेट लिखे होर्डिंग

जागरण संवाददाता, हिसार :

जिले में निजी अस्पतालों द्वारा ओवरचार्जिंग के मामलों में मिल रही शिकायत पर पांच जुलाई को जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए कड़े नियम निर्धारित किए थे। उपायुक्त ने निर्धारित नियमों का पालन करवाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था। साथ ही निजी अस्पतालों को फलैक्स या होर्डिंग लगाकर बेड, दवाओं, लैब टेस्ट आदि सभी के रेट लिखने के आदेश दिए थे, ताकि निजी अस्पताल मरीजों से किसी भी सुविधा के नाम पर ओवरचार्जिंग ना कर पाए। लेकिन उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना करते हुए शहर के करीब सभी निजी अस्पतालों ने होर्डिंग नहीं लगाए। जबकि उपायुक्त ने इस बारे में सख्त आदेश दिए थे।

डा. पूनिया ने किया कटाक्ष

मामले को लेकर जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया ने भी कटाक्ष किया है। उन्होंने मामले में इंटरनेट मीडिया पर डाली पोस्ट में लिखा कि उपायुक्त ने सख्त हिदायत दी थी कि सभी हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 के तहत चार्जिंग के बड़े-बड़े बोर्ड लगाएंगे। लेकिन एक-दो को छोड़कर 36 अस्पतालों में किसी ने भी बोर्ड नहीं लगाया है। इसे उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना समझूं या कुछ और ये बात तो उपायुक्त ज्यादा बेहतर बता सकते हैं, क्योंकि उन्होंने एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था जो सभी अस्पताल के अन्दर जाएंगी और उन बोर्डो का मुआयना करेगी। लेकिन अफसोस आज तक ना तो कमेटी बनी है और ना ही वो बोर्ड लगे हैं। काश उपायुक्त ने दूसरी लहर में भी इतनी सख्ती की होती तो ये गरीब जनता लुटने से बच जाती है और जो ये सेक्टरों के जमीनों के रेट बड़े हैं वह भी बढ़ने से बच जाते हैं। निजी अस्पतालों को दो भागों में बांटा गया है। इनमें एक वे अस्पताल हैं जो नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाईडर्स यानि नभ के तहत आते हैं तथा दूसरे अस्पताल वे हैं जो नभ के दायरे में नहीं आते। वहीं आयुष्मान भारत योजना के अधिसूचित अस्पताल में योजना के लाभार्थियों का उपचार नि:शुल्क है।

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