बहादुरगढ़ के छारा हत्याकांड में पुलिस के खुलासे से असंतुष्ट स्वजनों व ग्रामीणों ने ढाई घंटे जाम रखा हाइवे

मटरू पहलवान की हत्या के मामले में तीन दिन पहले पुलिस ने जो खुलासा किया उससे स्वजन और ग्रामीण संतुष्ट नही है। पुलिस ने अभी तक की जांच में जो थ्योरी बताई है वह किसी के गले नहीं उतर रही।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 04:22 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 04:22 PM (IST)
बहादुरगढ़ के छारा हत्याकांड में पुलिस के खुलासे से असंतुष्ट स्वजनों व ग्रामीणों ने ढाई घंटे जाम रखा हाइवे
पुलिस ने गांव के तीन युवकों द्वारा नशे के लिए पैसे न देने पर हत्या करने का किया था खुलासा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :छारा गांव के बिजेंद्र उर्फ मटरू पहलवान की हत्या के मामले में तीन दिन पहले पुलिस ने जो खुलासा किया उससे स्वजन और ग्रामीण संतुष्ट नही है। पुलिस ने अभी तक की जांच में जो थ्योरी बताई है, वह किसी के गले नहीं उतर रही। नतीजतन आक्रोशित ग्रामीण मंगलवार को फिर से नेशनल हाइवे-334बी पर उतर आए और छारा में स्थित टोल प्लाजा पर जाम लगा दिया। ढाई घंटे तक लोग सड़क पर ही डटे रहे। इस बीच मौके पर पहुंचे बादली के एएसपी अमित यशवर्धन, झज्जर के डीएसपी राहुल देव व अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों का समझाया। बाद में लोगों ने पूरी जांच करके सभी दोषियों का पता लगाने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया। लोगों का आरोप था कि गांव के केवल तीन युवकों द्वारा महज चंद रुपयों के लिए हत्या किया जाना समझ नहीं आ रहा। इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश है और जो भी मास्टरमाइंड है, उसका पता लगाया जाना चाहिए।

ग्रामीण बोले, वारदात के समय तीन नहीं कुल पांच युवक थे

पुलिस ने इस हत्याकांड में गांव के ही 18 वर्षीय हिमांशु को गिरफ्तार कर रखा है। जबकि इसी गांव के अजय और अंकुर फरार बताए जाते हैं। हिमांशु को पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर ले रखा है। पुलिस ने बताया था कि इन तीनों ने ही वारदात को अंजाम दिया और वजह यह थी कि तीनों नशे में डूबे हुए थे। बाद में और नशा करने के लिए मटरू पहलवान से पैसे मांग रहे थे, मगर न देने पर उसकी हत्या की गई। इधर, मंगलवार को जाम लगाने वाले ग्रामीणों का कहना था कि हत्या के समय केवल तीन नहीं बल्कि पांच युवक थे।

दो अन्य कौन थे, यह पुलिस नहीं बता रही है। गांव के कई लोगों ने पांचों को एक साथ देखा है। उनके पास बाइक भी थी। उसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि जिन तीन युवकों काे पुलिस आरोपित बता रही है, उन्हें गाड़ी चलानी नहीं आती। यहां तक कि उनकी ठेके से शराब खरीदते समय की वीडियो फुटेज भी मिली है। तब उनके पास काफी रुपये नजर आ रहे हैं। ऐसे में उनके पास पैसे नहीं थे, यह बात भी हजम नहीं हो रही।

ग्रामीणों का आरोप, पंचायत चुनाव का कनेक्शन ही हो सकता है वजह :

स्वजनों और गांव के लाेगों का कहना है कि मटरू पहलवान की किसी के साथ कोई रंजिश नहीं थी। किसी से काेई विवाद नहीं हुआ। पिछले पंचायत चुनाव में वह 60 वोटों के अंतर से हार गया था। इस बार भी वह सरपंच के चुनाव की तैयारी कर रहा था। हो न हो, इस हत्या के पीछे पंचायत चुनाव का कनेक्शन ही होगा, और कोई वजह नहीं हो सकती। यदि और कोई वजह है भी तो पुलिस को उसका पता लगाना चाहिए। गांव के तीन युवकों द्वारा नशे के लिए पैसे न देने पर हत्या करने की जो बात पुलिस कह रही है, वह तो एक तरह से इस मामले में असलियत को दबाने और महज लीपापोती करने जैसा है।

ग्रामीण के मुताबिक ऐसी बात पता चली है कि आरोपितों का पहले बस स्टैंड पर ही मटरू पहलवान की हत्या का इरादा था। उनके बीच जो बातचीत हो रही थी, वह किसी राहगीर ने सुनी थी। तब उन्होंने मन बदल लिया। दूसरा, गांव के बस स्टैंड से लेकर जहां पर हत्या हुई, वह जगह आधे किमी से ज्यादा है। क्या वहां तक आरोपित पैदल ही गए। उन्हें रास्ते में और काेई नहीं मिला, जिससे वे पैसे मांग सके। इस तरह के तमाम सवाल हैं, जो इस हत्याकांड में गहरी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। गांव के चिंटू प्रधान ने कहा कि पुलिस-प्रशासन को पूरी सच्चाई का पता लगाना चाहिए।

..इसमें पुलिस की जांच अभी चल रही है। प्राथमिक स्तर पर जांच में जो बात सामने आई थी, उसको सार्वजनिक किया गया। शेष जो दो आरोपित फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी के बाद और खुलासा हो सकेगा। उन्हीं से पता लगेगा कि इसमें और कोई शामिल है या नहीं। पुलिस पूरी गंभीरता के साथ छानबीन कर रही है।

--अमित यशवर्धन, एएसपी, बादली

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