Destitute Animal: हिसार के लोगों को बेसहारा पशुओं से मिलेगी निजात, प्रशासन ने बनाई नई रणनीति, दिए निर्देश

निगम द्वारा कब्जे में लिए गए पशु को छुड़ाने के लिए जुर्माना राशि को बढ़ाकर 11 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आने वाले बेसहारा पशुओं पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:35 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:35 PM (IST)
Destitute Animal: हिसार के लोगों को बेसहारा पशुओं से मिलेगी निजात, प्रशासन ने बनाई नई रणनीति, दिए निर्देश
हिसार प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर बेसहारा पशुओं को पकड़ने की बनाई रणनीति।

जागरण संवाददाता, हिसार। शहर के नागरिकों को बेसहारा पशुओं की समस्या के लिए अब नगर निगम के साथ जिला प्रशासन भी अपनी भूमिका अदा करेगा। अभी तक नगर निगम इस मामले में कार्रवाई करता नजर आता था। इस समस्या को लेकर वीरवार को अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्रिल रविंद्रा पाटिल ने नगर निगम सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों व विभागाध्यक्षों के साथ बैठक ली।

इसमें नगर निगम को जुर्माना बढ़ाने के निर्देश दिए गए तो ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले पशुओं पर रोक लगाते हुए उनका पुर्नवास ग्रामीण क्षेत्रों में ही कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के नजरिए में अब सड़क पर घूमते पशु एक बड़ी समस्या बन गए हैं। इनसे दुर्घटना भी होने का अनुमान है। बेसहारा पशुओं की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें एसडीएम, नगराधीश, राजस्व विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग, नगर निगम, पुलिस विभाग, नगर परिषद, नगर पालिका सहित पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।

बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर यह अपनाएंगे उपाय

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि निगम द्वारा कब्जे में लिए गए पशु को छुड़ाने के लिए जुर्माना राशि को बढ़ाकर 11 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आने वाले बेसहारा पशुओं पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर जिले के गोशालाओं के प्रतिनिधियों की भी एक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें समस्या के समाधान बारे विचार-विमर्श किया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत अधिकारी लेंगे एक्शन

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं का पुनर्वास करने के लिए जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो अपने पशुओं को जानबूझकर खुला छोड़ देते हैं, जिसके कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके विरुद्ध भी प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

पशुओं की समस्या पर क्या कहते हैं एडीसी

अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्रिल रविंद्रा पाटिल ने बताया कि शहर के लोगों को अवारा पशुओं के कारण होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के साथ जिला प्रशासन भी कारगर कदम उठाएगा। उन्होंने बताया कि शहर में अवारा पशुओं की संख्या काफी बढ़ गई है, जिसके कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित होने के साथ-साथ आम नागरिकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बेसहारा पशुओं के कारण जानमाल की हानि होने की भी संभावना बनी रहती है।

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