हिसार में प्रतिमाह 27.80 लाख खर्च के बावजूद नहीं अलग हो रहा गीला-सूखा कचरा, ठोका सवा लाख जुर्माना

शहर से प्रतिदिन निकलता है 180 टन कचरा जिसमें अनुमानित 90 टन गीले कचरे में से 5 टन की बनती खाद। सेक्टरों से कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी को करीब सवा लाख रुपये का जुर्माना किया

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:10 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 10:10 AM (IST)
हिसार में प्रतिमाह 27.80 लाख खर्च के बावजूद नहीं अलग हो रहा गीला-सूखा कचरा, ठोका सवा लाख जुर्माना
हिसार में प्रतिमाह 27.80 लाख खर्च के बावजूद नहीं अलग हो रहा गीला-सूखा कचरा, ठोका सवा लाख जुर्माना

हिसार, जेएनएन। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को स्वच्छ सर्वेक्षण में हिसार के अधिकांश वार्डों में कचरा सेग्रीगेशन (कचरा पृथक्करण) का नगर निगम ने दावा किया हुआ है। उस दावे कि पोल उस समय खुल गई है जब कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर (जेसी) ने कचरा सेग्रीगेशन मामले का सच जाना। ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी चेतल को शहर के पॉश क्षेत्र यानी सेक्टरों में भी कचरा सेग्रीगेशन नहीं मिला। जिसके चलते उन्होंने सेक्टरों से कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी को करीब सवा लाख रुपये का जुर्माना किया है। उधर शुक्रवार को एजेंसी संचालक निगम पहुंचा।

प्रतिमाह सफाई के नाम पर 27.80 लाख हो रहा खर्च

चंदूलाल गार्डन महावीर कालोनी निवासी अनिल महला ने बताया कि नगर निगम की ओर से दी गई आरटीआइ में उसे जवाब मिला कि सेक्टर 27-28, अर्बन एस्टेट-टू, सेक्टर-13 पार्ट, सेक्टर-13 पार्ट टू और सेक्टर 16-17, सेक्टर-15ए, पीएलए, ओल्ड कोर्ट कॉम्प्लेक्स, मेला ग्राउंड एरिया और सेक्टर 9-11 में प्रतिमाह 27 लाख 80 हजार रुपये निगम सफाई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरा लिङ्क्षफ्टग, ड्रेनेज सफाई, करीब 20 किलोग्राम तक का मृत पशु उठाना इत्यादि कई काम इस निजी एजेंसी के हैं। लेकिन नियमानुसार एजेंसी को जो कार्य सौंपे हुए हैं, वे नहीं किए जा रहे हैं।

एजेंसी के पास ये सेक्टर और 136.92 किलोमीटर सड़कों का है सफाई का कार्य

सेक्टर का नाम                    सड़क की लंबाई (किलोमीटर)

सेक्टर 27-28                        4.7

अर्बन एस्टेट-टू                        19

सेक्टर-13 पार्ट                         15   

सेक्टर-13 पार्ट टू और सेक्टर 16-17                31.12

सेक्टर-15ए, पीएलए, ओल्ड कोर्ट कॉम्पलेक्स            23.40

मेला ग्राउंड एरिया                        4.70

सेक्टर 9-11                        39

निगम प्रशासन के अनुसार शहर में सेग्रीगेशन की स्थिति ऐसे समझें

शहर से प्रतिदिन निकलता है कचरा         : 180 टन जिसमें (सूखा व गीला कचरा लगभग बराबर)

शहर से गीला कचरा निकलता है         : औसतन करीब 90 टन

गीले कचरे से तैयार होने वाली खाद         : औसतन 5 टन

खाद तैयार करने के मुख्य स्थान           : तोशाम रोड पर महात्मा गांधी अस्पताल के पास प्लांट, सेक्टर-14 कम्युनिटी सेंटर में प्लांट, मधुबन पार्क में प्लांट।

भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ गया सेग्रीगेशन

पूर्व में निगम की हाउस की बैठक में ई-रिक्शा खरीद पर भ्रष्टाचार के आरोप पार्षदों ने लगाए थे। उनके आरोप उस समय सच नजर आने लगे जब ई-रिक्शा चंद किलोमीटर में ही कंडम होना शुरू हो गई। आज ई-रिक्शा से सेग्रीगेशन प्लान फेल है। अब उस भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ई-रिक्शा निगम से बाहर ही खड़ी करने का प्रबंध किया है ताकि जनता को नजरों से उनकी कंडम हालत को छुपाया जा सके।

बांटे गए डस्टबिन भी नहीं आए काम

निगम ने सभी वार्डों में डस्टबिन बांटने का प्लान बनाया था। कुछ अपने चहेतों को बांटें भी थे लेकिन उनका सदूपयोग होना तो दूर उनका प्रयोग कचरा संग्रहण में हो रहा है या नहीं यह भी निगम नहीं जानता। न ही सेग्रीगेशन की जागरूकता हुई। निगम में सक्षम आए तो सहीं लेकिन कई पार्षदों का आरोप था एक दो बार छोडि़ए इसके अलावा हमने कभी सक्षम देखे ही नहीं यानी पार्षदों की माने तो कागजों में उन्होंने अपना काम पूरा कर दिया। इस संबंध में रोजगार कार्यालय से भी एक पत्र आया था जिसमें सक्षम की हाजिरी पर सवालिया निशान लगे थे।

-----हमारे सेक्टर में डोर-टू-डोर कचरा लेने के लिए हाथ रेहड़ी वाला नियमित आता है। लेकिन गीला सूखा कचरा अलग-अलग लेने के बजाय इक्टठा लेता है।

- प्रवीन जैन, प्रधान, आरडब्ल्यूए सेक्टर 9-11

----कचरा लेने वाला कई दिनों दोपहर को करीब एक बजे आता है। वह हमें कचरा अलग-अलग करने के लिए कई बार अवश्य कहता है, लेकिन लोग कचरा इक्टठा डालते हैं। कचरा लेने के लिए आने वाला व्यक्ति कहता है कि बाद में जाकर कचरा अलग -अलग करते है। अब यह कितना सच है, वही जानें।

- राकेश आर्य, महासचिव, आरडब्ल्यूए अर्बन एस्टेट-टू।

-----सेक्टरों में हमें कचरा सेग्रीगेशन नहीं मिला। इसलिए एजेंसी को करीब सवा लाख रुपये का जुर्माना किया है। मेरा आमजन से आग्रह है कि वे कचरा सेग्रीगेशन में सहयोग करें। गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करें। इससे कचरे का सही निपटान होगा और शहर को स्वच्छ बनाने में आपका सहयोग भी मिलेगा।

- शालिनी चेतल, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम हिसार।

-----एजेंसी पर जुर्माना लगाने की जानकारी मिली है, लेकिन कितना जुर्माना लगाया है, इस बारे में नहीं पता।

-रतन सैनी, एजेंसी ठेकेदार

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