सिरसा में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को झेलना पड़ा विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे
सिरसा में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसानों का विरोध झेलना पड़ा। वे यहां लघु सचिवालय में जीएसटी की बैठक में भाग लेने पहुंचे थे। किसानों ने काले झंडे दिखाए। पुलिस ने किसानों को डिप्टी सीएम की गाड़ी के पास नहीं पहुंचने दिया।
सिरसा, जेएनएन। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसानों ने शनिवार दोपहर को काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने उपमुख्यमंत्री की गाड़ी तक नहीं पहुंचने दिया। किसान कृषि कानूनों के विरोध में नारेबाजी कर रोष जताते रहे। उपमुख्यमंत्री लघु सचिवालय में जीएसटी की बैठक में भाग लेने पहुंचे हुए थे। दोपहर के बाद वे आवास पर वापस लौटे रहे थे।
लघु सचिवालय में उपपुख्यमंत्री सुबह 10:15 बजे बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे। इसकी किसानों को भनक लग गई। इस पर किसान लघु सचिवालय के सामने एकत्रित हो गए। किसान काले झंडे हाथों में लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लग गए। सचिवालय के सभी गेटों पर पुलिस बल तैनात किया हुआ था।
सिरसा लघु सचिवालय में जीएसटी की बैठक में भाग लेते दुष्यंत चौटाला।
पुलिसकर्मियों की ढील का उठाया फायदा
इसी दौरान दोपहर दो बजे गर्मी ज्यादा होने पर किसान पेड़ों की छांव में जाकर प्रदर्शन करने लगे। इस पर पुलिस कर्मियों ने भी गेट पर ढील कर दी। इसी का फायदा उठाते हुए लघु सचिवालय में कई प्रदर्शनकारी किसान घुस गए। सचिवालय के अंदर पुलिस कर्मचारियों ने किसानों को पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें सचिवालय से बाहर धकेल दिया। इसके बाद कई किसान सचिवालय के गेट पर भी चढ़कर नारेबाजी करने लगे।
सिरसा में लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शनकारी किसानों को रोकते पुलिसकर्मी।
दूर से करते रहे नारेबाजी
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दोपहर करीब 3 बजे बैठक में भाग लेकर वापस लौटने लगे। गेट के समीप खड़े किसानों ने गाड़ी में जा रहे उपमुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। पुलिस कर्मचारियों ने किसानों को घेर लिया। इस पर किसान दूर से ही काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी करने लगे। किसान नेता लखविंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की मांग कृषि कानून वापस लेने की है। इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए किसानों ने जजपा व भाजपा नेताओं का बहिष्कार किया हुआ है। किसानों की मांगें पूरी होने तक जो भी नेता किसी कार्यक्रम में आएगा, किसान काले झंडे लेकर विरोध करते रहेंगे।
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