Dengue Alert: हिसार में डेंगू का खतरा, जलभराव वाली जगहों पर जाने से बचें, ये लक्षण दिखें तो इलाज कराएं

रवार को डेंगू के दो पाजिटिव केस मिले थे। जिसमें एक सात वर्षीय किशोर भी शामिल रहा था। इससे पहले बुधवार को डेंगू के सात नए मामले मिले थे। इससे पहले भी डेंगू के मामले मिल चुके हैं। हैरानी की बात है

By Naveen DalalEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 08:45 AM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 08:45 AM (IST)
Dengue Alert: हिसार में डेंगू का खतरा, जलभराव वाली जगहों पर जाने से बचें, ये लक्षण दिखें तो इलाज कराएं
हिसार में 39 लोग डेंगू से ग्रस्त

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार में डेंगू का डंक लगातार बढ़ रहा है। अभी तक 39 लोग डेंगू से ग्रस्त होकर अपना उपचार निजि अस्पतालों में करा रहे हैं। हालात यह हैं कि हर दिन मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति देखकर स्वास्थ्य विभाग भी हैरान दिख रहा है। लगातार हो रही फागिंग भी असरदार साबित नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही डेंगू का निशाना बच्चे भी बन रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए बाजार में प्लेटलेट्स और बकरी के दूध की मांग भी बढ़ गई है।

गौरतलब है कि वीरवार को डेंगू के दो पाजिटिव केस मिले थे। जिसमें एक सात वर्षीय किशोर भी शामिल रहा था। इससे पहले बुधवार को डेंगू के सात नए मामले मिले थे। इससे पहले भी डेंगू के मामले मिल चुके हैं। हैरानी की बात है कि जब डेंगू के मामले मिलने लगे तक स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने फागिंग का प्लान तैयार किया। जबकि शहर के प्रबुद्धजन पहले से ही फागिंग पर जो दे रहे थे। अब जब केस बढ़ रहे हैं तो दोनों ही विभाग क हाथ पांव फूल रहे है। अब फागिंग तो हाे रही है मगर शेड्यूल के हिसाब से पूरे शहर में फागिंग करने में समय लग सकता है। 

इन स्थानों पर भरा है पानी 

शहर में शास्त्री नगर, आजाद नगर, उमेद विहार कालोनी, शांत विहार कालोनी, अमरदीप कालोनी, 12 क्वार्टर रोड, मिलगेट क्षेत्र सेक्टर 33 आदि स्थानों पर अभी भी जलजमाव की समस्या है। खुद स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट भी बता चुकी है कि कई स्थानों पर शहर में मच्छरों का लारवा पनप गया है।

डेंगू क्या है और कैसे फैलता है

डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है। हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं। जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। 

डेंगू के लक्षण 

- सिरदर्द

- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

- उल्टी

- जी मिचलाना

- आंखों में दर्द होना

- त्वचा पर लाल चकत्ते होना

- ग्लैंड्स में सूजन होना

यह करें उपाय 

- वैक्सीन के उपलब्ध नहीं होने से डेंगू से बचने का सिर्फ एकमात्र तरीका है खुद को मच्छरों से बचाकर रखना।

- सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो। कूलर का पानी बदलते रहें। पानी को ढंक कर रखें। इन जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं। 

- कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक का छिडकाव करें।

- मच्छरदानी का सोते समय प्रयोग करें। 

- घर की खिड़कियों को सायं होने से पहले बंद कर दें।

chat bot
आपका साथी