आदमपुर को नगरपालिका बनाने की कवायद तेज

अमित गोयल मंडी आदमपुर सरकार द्वारा आदमपुर को नगरपालिका बनाने की कवायद तेज कर दी ह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:47 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:47 AM (IST)
आदमपुर को नगरपालिका बनाने की कवायद तेज
आदमपुर को नगरपालिका बनाने की कवायद तेज

अमित गोयल, मंडी आदमपुर

: सरकार द्वारा आदमपुर को नगरपालिका बनाने की कवायद तेज कर दी है। सरकार द्वारा आम पंचायत चुनाव से पहले आदमपुर को नगरपालिका का दर्जा दिया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों से मांगे गए सुझाव में जहां जवाहर नगर पंचायत ने सहमति जता दी थी अब फैसले पर पुनर्विचार करते हुए ग्राम पंचायत मंडी आदमपुर ने अपनी सहमति दे दी है। वहीं आदमपुर गांव की पंचायत को आदमपुर को नगरपालिका बनाने में कोई ऐतराज नही है। आदमपुर ने जब से होश संभाला है तब से यह वीआइपी श्रेणी का क्षेत्र रहा है। एक लंबे अर्से तक प्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर तत्कालीन सीएम स्व.भजनलाल के हाथ में रही। दो बार उपमंडल बनाने की घोषणा होने के बावजूद आदमपुर को नगरपालिका या उपमंडल का दर्जा हासिल नही हो सका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार जल्द ही आदमपुर को नगरपालिका का तोहफा दे सकती है। मंडी आदमपुर व जवाहर नगर पंचायत को नगरपालिका का दर्जा दिया जा सकता है। यदि परिसमन के तहत आवश्यक हुआ तो गांव आदमपुर या खारा बरवाला को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। नगरपालिका का दर्जा न होने पर आदमपुर अभी तहसील स्तर का ही है। उपमंडल के लिए ली गई जगह का पत्थर गायब आदमपुर को उपमंडल का दर्जा मिलने के बाद यहां प्रशासनिक भवन की कमी न हो इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व.भजनलाल के कार्यकाल के दौरान आदमपुर तहसील और खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय के बीच प्रशासन द्वारा हुडा विभाग से जमीन ली गई थी। बकायदा इस जगह का उद्घाटन करवाकर यहां नींव का पत्थर भी रखा गया था। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ आज यह नींव पत्थर गायब हो चुका है। अब इस जमीन पर गुडरिया-लुहार जाति के परिवार कच्चे आशियाना बनाकर अपना जीवन-यापन कर रहे है। घोषणा के 30 साल बाद नही खुला किस्मत का ताला:

आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें भी राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे स्व.भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। उसके पश्चात 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा समाप्त कर डाला। इसके पश्चात इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए तथा आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी उपमंडल का दर्जा एक बार फिर दे डाला और इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उपमंडल का दर्जा नही मिल सका। आदमपुर में अनेक सरकारी संस्थान:

आदमपुर तहसील के अंतर्गत करीब 30 गांव और ब्लाक में 28 ग्राम पंचायतें है। आदमपुर तहसील और खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय के अलावा यहां पुलिस थाना, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, 132 केवी बिजली घर, नागरिक अस्पताल, टेलीफोन एक्सचैंज, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आइटीआइ, राजकीय बहुतकनीकी, मार्केट कमेटी, अनाज मंडी, कपास मंडी, महिला एवं बाल विकास कार्यालय, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस, किसान रेस्ट हाउस, डाकघर, खंड कृषि कार्यालय, फायर बिग्रेड कार्यालय, पीडब्लूडी बी एंड आर कार्यालय, डिस्पोजल घर, तीन जलघर, गैस एजेंसी, दर्जनों सरकारी औैर गैर सरकारी स्कूल-कालेज, करीब 10 पैट्रोल पंप, सरकारी व अ‌र्द्धसरकारी बैंक, तेल, ग्वार व कपास की अनेक फैक्ट्रियां है।

chat bot
आपका साथी