सिरसा में यूरिया खाद की मारामारी रोकने के लिए भेजी गई डिमांड, कल मिलेंगे दो रैक
किसानों को सबसे अधिक आवश्यकता यूरिया खाद की है। खाद के लिए मारामारी के हालात पैदा न हो इसके लिए विभाग पहले से प्रबंधों में जुट गया है। सरकारी एजेंसियों के पास किसानों को उपलब्ध कराने के लिए चार हजार मीट्रिक टन खाद ही बचा है।
जागरण संवाददाता, सिरसा : बरसात शुरू होने के साथ ही किसानों को सबसे अधिक आवश्यकता यूरिया खाद की है। खाद के लिए मारामारी के हालात पैदा न हो इसके लिए विभाग पहले से प्रबंधों में जुट गया है। सरकारी एजेंसियों के पास किसानों को उपलब्ध कराने के लिए चार हजार मीट्रिक टन खाद ही बचा है। यदि अच्छी बारिश हो गई तो यह कोटा एक दिन भी नहीं चल पाएगा। इसीलिए कृषि विभाग ने सभी एजेंसियों से रिपोर्ट तलब कर ली है ताकि समय रहते खाद का प्रबंध हो सके।
नरमा, धान व बाजरे में खाद की जरूरत
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार सिरसा में कपास का क्षेत्रफल दो लाख हेक्टेयर, धान का एक लाख दस हजार हेक्टेयर तथा ग्वार का 45 हजार तथा बाजरे का 5800 हेक्टेयर क्षेत्र है। किसानों को सबसे अधिक आवश्यकता नरमा व धान में यूरिया की है। धान में कुछ तो खाद डाला जा चुका है लेकिन अभी भी डिमांड बनी हुई है। बरसात होते ही किसानों को नरमा में भी यूरिया डालना है।
प्राइवेट एजेंसियों के पास 19 हजार एमटी खाद
विभिन्न एजेंसियों को खाद की बिक्री से जोड़ा गया है। सरकारी एजेंसियों के पास चार हजार मीट्रिक टन खाद बिक्री के लिए उपलब्ध है जबकि प्राइवेट दुकानों पर 19 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। अगले दो दिन में दो रैक आ रहे हैं वो दोनों ही प्राइवेट एजेंसियों के हैं और उन्हीं के पास खाद पहुंचेगा।
फिलहाल खाद की किल्लत नहीं है। दो रैक अगले दो दिन में सिरसा पहुंच जाएंगे। यहां जितनी खाद की आवश्यकता है उतना उपलब्ध रहे इसीलिए समय पूर्व खाद की डिमांड भेजी गई है।
डा. बाबूलाल, कृषि उप निदेशक, सिरसा