हांसी में हाईवे के निर्माण में सैंकड़ों पेड़ कटने को मंजूरी, तीन पेड़ों ने अटकाया मामला, बीएंडआर ने बदला नक्शा

हांसी में हाईवे निर्माण में नीम और पीपल को बचाने के लिए बीएंडआर ने पुराने हाईवे का नक्शा बदल दिया है। शहर के बीचों-बीच गुजरने वाले पुराना हाईवे के निर्माण के लिए पीडब्लयूडी विभाग की ओर से एस्टीमेट तैयार कर हेड आफिस भेजा जा चुका है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:11 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:11 PM (IST)
हांसी में हाईवे के निर्माण में सैंकड़ों पेड़ कटने को मंजूरी, तीन पेड़ों ने अटकाया मामला, बीएंडआर ने बदला नक्शा
हांसी शहर से गुजरने वाला पुराना हाईवे जिसका निर्माण किया जाना है।

प्रदीप दूहन, हांसी (हिसार)। ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना और किसी भी वृक्ष को नुकसान न पहुंचाना हमारे देश की गौरवशाली परंपरा का एक अटूट अंग रहा है। धर्म शास्त्रों में कुछ पेड़ों के काटने की साफ मनाही है। ऐसे वृक्षों में पीपल का स्थान सबसे ऊपर है। साथ ही नीम के पेड़ को काटने पर भी पाबंदी है। शहर से गुजरने वाले पुराने हाईवे के निर्माण में 2 पीपल और 1 नीम का पेड़ आ रहा है। अब विभाग के अधिकारियों ने इन पेड़ों को काटने से बचाने के लिए वहां पर निर्माण के समय मोड़ बनाने का निर्णय लिया है।

शहर के बीचों-बीच गुजरने वाले पुराना हाईवे के निर्माण के लिए पीडब्लयूडी विभाग की ओर से एस्टीमेट तैयार कर हेड आफिस भेजा जा चुका है। इस रोड़ का निर्माण करीब साढ़े 45 करोड़ की लागत से होना है। रोड़ के निर्माण में अब विभाग के सामने एक परेशानी खड़ी हो गई है। जिस पुराने हाईवे का निर्माण करना है उस रोड़ पर सैंकड़ों हरे-भरे पेड़ है। इन पेड़ों को काटने के लिए तो पीडब्लयूडी विभाग को वन विभाग की ओर से हरी-झंडी मिल चुकी है। परंतु इस रोड़ के निर्माण में विभाग के सामने तीन ऐसे पेड़ आ रहे है, जिसे काटने के लिए वन विभाग से मंजूरी नहीं मिल रही है। ये तीन पेड़ नीम व पीपल के है।

पीपल के पेड़ काटने पर पाबंदी

पीपल को राज्य वृक्ष का दर्जा प्राप्त है। आदेशों के अनुसार नीम व पीपल के पेड़ काटने पर पाबंदी है। हाईवे पर निर्माण क्षेत्र में 2 पीपल व 1 नीम का वृक्ष आते हैं। शहर से हिसार की ओर 1 नीम और 1 पीपल व शहर से दिल्ली की साईड लघुसचिवालय से आगे पुल क्रास करने के बाद 1 पीपल का पेड़ आता है। अब विभाग के अधिकारी भी इस बारे लगातार वन विभाग के अधिकारियों के संपर्क में है। बी एंड आर विभाग की ओर से इस बारे 2 बार वन विभाग को लिखा जा चुका है। वहीं वन विभाग की ओर से भी इन पेड़ों को काटने के लिए इजाजत देने के लिए साफ मना कर दिया है।

निर्माण कार्य हुआ लेट

नीम व पीपल का पेड़ पुराने हाईवे के बीच में आने के कारण कार्य दो से ढाई महीने लेट है। यदि इस तरह की कोई परेशानी नहीं आती तो अब तक हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका होता। अब विभा की ओर से इसका हल निकाला गया है। जिस लेंथ पर ये पेड़ आ रहे है उन पेड़ों को बचाने के लिए विभाग की ओर से अब हाईवे के निर्माण के समय मोड़ बनाने पर सहमति बनी है। बी एंड आर विभाग द्वारा शहर से गुजरने वाले पुराने हाईवे के दोबारा निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार किया है। इस हाईवे की लंबाई 5.98 किलोमीटर है। इसका निर्माण 45.77 करोड़ की लागत से करवाया जाएगा। रोड़ को दोनों ओर साढ़े सात-सात मीटर चौड़ा किया जाएगा। साथ ही हाईवे के दोनों ओर नाले का भा प्रावधान रखा गया है। शहर में रोड़ के साथ लगती जगह पर ब्लॉक लगाई जाएगी और शहर के बाहर सड़क के बीचों-बीच एक मीटर का डिवाईडर भी बनाया जाएगा। इस रोड़ को पूरा करने के लिए विभाग की ओर से डेढ़ साल की समय अवधि निर्धारित की गई है।

नीम और पीपल के पेड़ों के कारण हुई कार्य में देरी - एसडीओ

बीएंड आर विभाग के एसडीओ रणसिंह ने बताया कि हाईवे पर जो पेड़ आते है, उनकी कटाई के लिए वन विभाग को लिखा गया है। उन्होंने बताया कि हाईवे पर 1 नीम और 2 पीपल के पेड़ आते हैं। आदेशों के अनुसार इन पेड़ों को काटा नहीं जा सकता। इसलिए अब जिस लैंथ पर ये पेड़ आते है, वहां पर हल्का सा मोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही पुराने हाईवे का निर्माण का एस्टीमेट हेड ऑफिस भेजा जा चुका है। नीम और पीपल के पेड़ों के कारण कार्य में देरी हुई है। अब जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

आदेश मिलने पर शुरू कर दिया जाएगा काम – रेंज आफिसर

वन विभाग के रेंज आफिसर पवन कुमार ने बताया कि हाईवे पर पेड़ों की कटाई के लिए डिविजन ऑफिस केस भेजा गया है। जैसे ही वहां पर आदेश मिलते है, काम शुरू कर दिया जाएगा।

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