60 फीट गहरे बोरवेल से 49 घंटों में नदीम को निकालने के अनुभव पर डीसी लिखेंगे डायरी
बालसमंद में 60 फीट गहरे बोरवेल में नदीम बुधवार शाम को गिर गया था। शुक्रवार की शाम पांच बजकर 20 मिनट पर निकाला गया। अब कागज में दर्ज ऑपरेशन की बाद के अधिकारी भी ले सकेंगे जानकारी
हिसार, जेएनएन। बोरवेल में गिरे 15 माह के नदीम को बाहर निकालने के लिए चले संयुक्त ऑपरेशन इतिहास में दर्ज होगा। इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी डीसी अशोक कुमार मीणा एक डायरी में लिखेंगे। ताकि उनके बाद आने वाले अधिकारी इस ऑपरेशन से भलीभांति परिचित हो सकें।
बालसमंद का नदीम बुधवार शाम को 60 फीट गहरेबोरवेल में गिर गया था। सूचना मिलते ही आर्मी, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर नदीम को निकालने का ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन से प्रशासनिक अधिकारियों को काफी कुछ सीखने मिला।
साथ ही यह भी पता चला कि मौजूदा समय में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कौन-कौन से आधुनिक यंत्र चाहिए होते हैं जो उनके पास नहीं थे फिर भी किस तरह उन्होंने हर उन यंत्रों का इस्तेमाल किया जो अन्य कामों में इस्तेमाल होते थे। मगर बोरवेल से नदीम को निकालने में उन यंत्रों की अहम उपयोगिता रही।
अंग्रेजों के समय पर कागजों पर जानकारी का फायदा
अंग्रेजों के समय में पूरी कागजी कार्रवाई होती थी। वह जहां भी जाते उस जगह के बारे में पूरी जानकारी लेते और उसे फाइल में रखते थे। इसके कारण आने वाले नए अधिकारी को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती थी। उसी प्रकार से उपायुक्त ने इस ऑपरेशन को कागजों पर लाने का निर्णय लिया। इसका मुख्य मकसद उनके बाद यदि कभी ऐसी या किसी अन्य प्रकार की घटना हो तो वह इस फाइल को देख सके।
--नदीम ऑरेशन को पूरा फाइल पर लाया जाएगा ताकि आगे के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी मिल सके। इसमें काफी कुछ सीखने को मिला है।
अशोक कुमार मीणा, उपायुक्त