गांव की बेटियों को बनाया क्रिकेटर, दिलवाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, हरियाणा सरकार देगी राज्य शिक्षक पुरस्कार

शारीरिक शिक्षा विभाग के शिक्षक जोगिन्द्र सिंह का साल 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। जोगिन्द्र सिंह वर्तमान में राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिरसा में कार्यरत है। जबकि इससे पूर्व उनकी नियुक्ति साहुवाला द्वितीय स्कूल में रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:41 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:41 PM (IST)
गांव की बेटियों को बनाया क्रिकेटर, दिलवाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, हरियाणा सरकार देगी राज्य शिक्षक पुरस्कार
गांव की बेटियों को रा‍ष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलाने वाले डीपीइ जोगिंद्र सिंह ने अनोखा काम किया है

जागरण संवाददाता, सिरसा। लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में आगे बढ़ाने शारीरिक शिक्षा विभाग के शिक्षक जोगिन्द्र सिंह का साल 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। जोगिन्द्र सिंह वर्तमान में राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिरसा में कार्यरत है। जबकि इससे पूर्व उनकी नियुक्ति साहुवाला द्वितीय स्कूल में रही है। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने पर जोगिन्द्र को जिला शिक्षा अधिकारी संतकुमार बिश्रोई, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा, समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक बूटाराम व सलाह सहित विभिन्न अध्यापक संगठनों व साथी अध्यापकों ने बधाई दी है।

जिले के गांव गदली निवासी जोगिन्द्र की पहली नियुक्ति 2001 में जिले के गांव साहुवाला द्वितीय में शारीरिक शिक्षक यानि डीपीइ के पद पर हुई थी। करीब 14 साल उन्होंने ग्रामीण इलाके के खिलाडिय़ों, खासकर लड़कियों को विभिन्न खेलों के लिए तैयार किया और उन्हें नेशनल लेवल तक खिलाया। जोगिन्द्र ने स्कूल में क्रिकेट में लड़कियों की टीम तैयार की, जिसे उन्होंने नेशनल लेवल तक खिलवाया ही नहीं बल्कि मेडल भी लेकर आये। 2015 में उनका तबादला सिरसा के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हो गया। यहां भी उन्होंने खिलाडिय़ों को तराशने का कार्य जारी रखा। माडल स्कूल से हर साल करीब 80 से 90 खिलाड़ी नेशनल लेवल तक खेलते है।

छह बार रक्तदान और लगा चुके है सैकड़ों पौधे

डीपीइ जोगिन्द्र अपनी 20 साल की सर्विस में अब तक पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हुए सैकड़ों पौधे रोपित कर चुके है। साथ में छह बार रक्तदान भी कर चुके है। इसके अलावा विभाग द्वारा उनकी जहां भी डटी लगाई गई, उसे ईमानदारी के साथ निभाया।

पुरस्कार के रूप में मिलेंगे 21 हजार रुपये नकद

जोगिन्द्र को राज्य सरकार द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार के तौर पर 21 हजार रुपये नकद, एक सिल्वर मेडल, एक सर्टिफिकेट, एक शाल प्रदान की जाएगी। वहीं उन्हें दो साल की अतिरिक्त सरकारी सेवा भी दी जाएगी।

-- -- जीवन में कोई भी कार्य किसी अन्य के प्रेरणा स्तंभ कारणों से संभव होता है। मैं भी शिक्षा जगत के वर्तमान में उप जिला शिक्षा अधिकारी बूटाराम व प्रधानाचार्य सहीराम चाहर द्वारा की जा रही शैक्षिक सेवाओं से इतना अधिक प्रेरित हुआ हूं कि मैंने स्वयं को स्कूली शिक्षा खासकर बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया है। भविष्य में भी बालिका शिक्षा के उत्थान के लिए मेरे प्रयास जारी रहेंगे।

- जोगिन्द्र सिंह, डीपीइ

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