कोरोना महामारी में मानसिक तनाव से बाहर निकालने में सहायक है नृत्य, अंतरराष्ट्रीय कोरियोग्राफर मालविका पंडित ने बताए फायदे
अंतरराष्ट्रीय कोरियोग्राफर एवं नृत्यंगना मालविका पंडित ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर दैनिक जागरण प्रतिनिधि से विशेष बातचीत की और नृत्य से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी। मालविका पंडित ने बताया कि नृत्य पौराणिक कला है। इससे तनाव दूर होता है।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] नृत्य ऐसी कला है, जिससे शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है। इससे न केवल शारीरिक रूप से खुद को फिट रखा जा सकता है, मानसिक तनाव से बाहर निकलने में मदद मिलती है और मेडिटेशन का भी काम करता है। इसलिए कोरोना महामारी में आमजन के लिए नृत्य बहुत आवश्यक है। यह कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कोरियोग्राफर एवं नृत्यंगना मालविका पंडित का। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर उन्होंने दैनिक जागरण प्रतिनिधि से विशेष बातचीत की और नृत्य से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी। मालविका पंडित ने बताया कि नृत्य पौराणिक कला है। पहली बार भगवान शिव ने तांडव किया था। शिव तांडव से देवता भयभीत हो गए और उनको सृष्टि के विनाश का आभास हुआ तो माता पार्वती के पास गए। माता पार्वती ने शिव तांडव के वितरित नृत्य किया, जिससे भगवान शिव शांत हुए। जिस तरह से शिव-पार्वती के नृत्य से सृष्टि को संतुलित किया गया, उसी तरह नृत्य से मानसिक, शारीरिक और अध्यात्मिक संतुलन बनाया जा सकता है।
शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति करें नृत्य
मालविका पंडित का कहना है कि वर्तमान में कोरोना महामारी को लेकर काफी लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। अपने आसपास घटित हो रही घटनाओं से काफी लोग नकारात्मक सोचना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अगर नृत्य कर सकारात्मक सोच विकसित की जा सकती है। उनका कहना है कि अपने पंसद के म्यूजिक पर नृत्य करने से मन प्रसन्न होता है। उसमें खास तरह की उमंग व उत्साह का संचार होता है। इसलिए शारीरिक रूप से प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना या दो-तीन दिन में जब भी मौका मिले, परिवार के सदस्यों या अकेले अपने घर में नृत्य करना चाहिए।
शास्त्रीय नृत्य से अध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है
मालविका पंडित ने बताया कि नृत्य खासकर शास्त्रीय नृत्य में जो भी एक्सरसाइज करवाई जाती है, उसमें सीधे मेडिटेशन पर फोकस रहता है। भगवान की स्तुति भी शास्त्रीय नृत्य में रहती है। इसलिए शास्त्रीय नृत्य मेडिटेशन का काम करता है, जिससे मानसिक संतुष्टि मिलती है। ऐसा नहीं है कि नृत्य वहीं लोग कर सकते हैं, जो इसमें पारंगत है। हर कोई नृत्य कर सकता है, मतलब खुशी में झूम सकता है। कोरोना महामारी में के दौरान इंटरनेट मीडिया में अस्पताल में चिकित्सक, नर्स, मरीज के नृत्य करते हुए वीडियो वायरल हुए। आइसोलेट सेंटर में कोरोना मरीजों के नृत्य करते हुए वीडियो वायरल हुए। नृत्य से किसी भी बीमारी से जल्दी रिकवरी होने में मदद मिलती है।
मालविका पंडित की उपलब्धियां
रोहतक की मालविका लोक नृत्य के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की शास्त्रीय नृत्यंगना रह चुकी हैं। देश व देश से बाहर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वह अपनी प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय उत्सव के अलावा कोनार्क में भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रस्तुति दे चुकी है। स्टेट व जिला स्तर पर कई बार वह सम्माानित हो चुकी है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस व अन्य समारोह में उनके द्वारा तैयार की गई टीमें भी पुरस्कृत हो चुकी है। कोरोना महामारी में भी वह बच्चों व महिलाओं को आनलाइन नृत्य सिखा रही हैं। साथ ही, चेरिटेबल ट्रस्ट से भी जुड़ी है, जो बच्चों को नृत्य सिखाकर उनको बड़े मंचों तक पहुंचाने में मदद करती हैं।