रोहतक पीजीआई में मां-बाप द्वारा छोड़े गए मासूम के ठीक होने का इंतजार कर रही सीडब्ल्यूसी कमेटी

माता पिता ही एक मासूम बच्‍चे को पीजीआई में छोड़कर चले गए थे। ट्रामा सेंटर में तैनात स्टाफ बच्चे को व्यस्त रखने में जुटा हुआ है। मां की याद न आए इसके लिए खिलौनों के साथ-साथ ड्राइंग सीट लाकर दी गई। बच्चा ड्राइंग सीट में कलर भरने में व्यस्त रहा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:37 AM (IST)
रोहतक पीजीआई में मां-बाप द्वारा छोड़े गए मासूम के ठीक होने का इंतजार कर रही सीडब्ल्यूसी कमेटी
पीजीआई में छोड़े गए बच्चे को खुश रखने के लिए उसे व्यस्त रखने में जुटा रोहतक पीजीआई स्टाफ

रोहतक, जेएनएन। सीडब्ल्यूसी टीम अब पीजीआइ में मासूम के रिकवर होने का इंतजार कर रही है। बच्चा अब धीरे-धीरे रिकवर हो रहा है। आक्सीजन लेवल में भी अब पूरी तरह से सुधार आ चुका है। जिससे लग रहा है कि अगले तीन से चार दिन में बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा। उसके बाद पुलिस सीडब्ल्यूसी टीम को सूचित करेगी। सीडब्ल्यूसी टीम की ओर से तय किया जाएगा कि बच्चा का संरक्षण किसे सौंपा जाएगा।

सीडब्ल्यूसी को भी बच्चा रिकवर होने के बाद बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि बच्चा ट्रामा से बाहर आने पर उसके सामने बिल्कुल अलग दुनिया होगा। जिस प्रकार का लाड़-प्यार ट्रामा सेंटर के स्टाफ की ओर से मिल रहा है, वह शायद बाहरी दुनिया में उसे न मिल पाए। छह दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस अब तक उसके मां-बाप को ढूंढने में असफल रही है।

पीजीआइएमएस स्टाफ की ओर से मामले में हर प्रकार का फर्ज निभाया गया है। पुलिस को सूचित करने, परिवार की फुटेज ढूंढने व बच्चे की देखरेख में स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब देखना यह है कि पुलिस परिवार की तलाश में कितना सक्रिय होती है और सीडब्ल्यूसी टीम बच्चे की किस प्रकार से सहायता कर पाएगी।

बच्चे को रखा जा रहा है व्यस्त

ट्रामा सेंटर में तैनात स्टाफ बच्चे को व्यस्त रखने में जुटा हुआ है। मां की याद न आए इसके लिए खिलौनों के साथ-साथ ड्राइंग सीट लाकर दी गई है। बुधवार को दिन में बच्चा ड्राइंग सीट में कलर भरने में व्यस्त रहा। ड्राइंग में सही कलर भरने पर मिली शाबासी से उसका चेहरा खिल उठता है। लेकिन बच्चे के नाम को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। स्टाफ बच्चे को ज्यादा पूछताछ इसलिए भी नहीं कर रहा क्योंकि फिर उसे अपने परिवार की याद आ जाएगी। बता दें कि माता पिता ही एक मासूम बच्‍चे को पीजीआई में छोड़कर चले गए थे। तभी से पीजीआई देख रेख में जुटा हुआ है।

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