बहादुरगढ़ में जलभराव होने से फसलें हो रही तबाह, किसान प्रशासन से लगा रहे पानी निकासी की गुहार
एक माह पहले तक हालात ये थी कि बरसात के इंतजार में फसलें सूख रही थी लेकिन अब स्थिति उलट है। अब बरसात के पानी में खरीफ फसलें तबाह हो रही हैं। हालात ये हो चले हैं कि किसान अब अगली फसल को लेकर चिंता में डूब गए हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : भारी बरसात के कारण इस बार खरीफ फसलें डूब गई हैं। एक माह पहले तक हालात ये थी कि बरसात के इंतजार में फसलें सूख रही थी, लेकिन अब स्थिति उलट है। अब बरसात के पानी में खरीफ फसलें तबाह हो रही हैं। हालात ये हो चले हैं कि इस फसल का नुकसान उठा रहे किसान अब अगली फसल को लेकर चिंता में डूब गए हैं। बारिश लगातार हो रही है। ऐसे में खेतों में जमा पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यदि निकासी नहीं हो पाई तो रबी फसल की बिजाई भी संभव नहीं होगी। इसी कारण किसान अब प्रशासन के पास बरसात पानी की निकासी की गुहार लगाने पहुंच रहे हैं। सोमवार को आसौदा गांव के किसान एसडीएम कार्यालय पहुंचे और जलनिकासी के लिए मांगपत्र सौंपा।
किसानों ने बताया कि कई सौ एकड़ का रकबा डूबा हुआ है। इसमें ज्वार, बाजरा, अरहर, कपास की फसलें तो खराब हो गई हैं। कुछ रकबे में धान की फसल भी बह गई। गन्ने की फसल के लिए भी संकट बना हुआ है। इससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। पिछले साल भी इसी तरह पानी जमा होने से फसलें खराब हो गई थी। इस बार का खरीफ सीजन भी नुकसानदायक रहा है। मगर दिक्कत यह है कि इस बार ज्यादा बरसात के कारण रबी सीजन की भी चिंता है। अक्टूबर में सरसों की बिजाई होती है। जबकि गेहूं की नवंबर में। अभी से पानी निकासी के लिए इंतजाम किए जाएंगे, तभी अक्टूबर व नवंबर तक खेतों की जमीन बिजाई के लिए तैयार हो पाएगी, अन्यथा नहीं। यदि रबी फसलों की बिजाई भी नहीं हो पाती है, तो नुकसान कहीं ज्यादा होगा। इससे तो सिर्फ किसान परिवाराें के ही नहीं बल्कि खेतीहर कामगारों के लिए दिक्कतें खड़ी होंगी।
खेतों में भरा है दो फीट से ज्यादा पानी :
इन दिनों लगातार बरसात हो रही है। इसके कारण खेतों में दो फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। माइनरों में भी पानी छोड़ा गया है। कई जगहों पर माइनर टूटने से भी ज्यादा दिक्कत आई है। आसौदा गांव के किसान धीरेंद्र दलाल, फूलकंवार, महेश, रवींद्र, राजेश, पप्पू, महेंद्र दलाल ने बताया कि प्रशासन की ओर से जल निकासी के इंतजाम किए जाने की दरकार है। तालाब भी ओवर फ्लो हो गए हैं।