Fertilizer crisis: झज्‍जर में डीएपी के लिए मारामारी, कोई किसान 10 तो कोई 5 दिन से काट रहा चक्कर

हरियाणा के कई जिलों में किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। स्थिति यह है कि डीएपी के लिए कोई किसान दस दिन से तो कोई किसान पांच दिन से वहीं कुछ किसान तो एक पखवाड़े से भी अधिक समय से चक्कर लगा रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 11:30 AM (IST)
Fertilizer crisis: झज्‍जर में डीएपी के लिए मारामारी, कोई किसान 10 तो कोई 5 दिन से काट रहा चक्कर
झज्‍जर में डीएपी नहीं मिलने से बिजाई कार्य हो रहा प्रभावित, किसान चिंतित

जागरण संवाददाता,झज्जर : डीएपी की किल्लत के चलते किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। स्थिति यह है कि डीएपी के लिए कोई किसान दस दिन से तो कोई किसान पांच दिन से वहीं कुछ किसान तो एक पखवाड़े से भी अधिक समय से चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन डीएपी नहीं मिल रही। जिस कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान अल सुबह से ही लाइनों में लगे हैं, ताकि डीएपी मिल सके। मारामारी के बाद भी किसानों को मायूसी हाथ लग रही है। किसानों को बिजाई की चिंता सताने लगी है।

रबी फसलों की बिजाई का सीजन दहलीज पर है। ऐसे में किसान अब अपने-अपने खेतों में सरसों आदि रबी फसलों के लिए खेतों को तैयार किए हुए हैं। अब बिजाई से पूर्व डीएपी के इंतजार में पिछले लंबे समय से भटक रहे हैं। डीएपी की किल्लत के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन डीएपी नहीं मिल पा रही। इसलिए किसानों को बिजाई का कार्य प्रभावित होने की आशंका सता रही है। किसानों का कहना है कि डीएपी खाद नहीं मिलेगी तो वे बिजाई का कार्य कैसे कर पाएंगे।

अभी तो अगेती फसलों की बिजाई करने वाले किसान ही डीएपी के लिए धक्के खा रहे हैं। अगर ऐसे ही हालात रहे तो गेहूं बिजाई के समय क्या हाल होगा इसका अनुमान अभी से लगाया जा सकता है। किसानों ने कहा कि सरकार डीएपी उपलब्ध करवाने के लिए उचित व्यवस्था करे। ताकि किसी भी किसान को परेशानी ना उठानी पड़े।

गांव सिलानी निवासी दलजीत ने बताया कि वह पिछले करीब 10 दिन से डीएपी खाद लेने के लिए चक्कर लगा रहा है। लेकिन डीएपी नहीं होने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है। रविवार को भी वह डीएपी लेने आया था, लेकिन उसे वापस भेज दिया। अब सुबह छह बजे से लाइन में खड़ा है। पता नहीं कब तक डीएपी देंगे। सिकंदरपुर निवासी जगदीश ने बताया कि वह भी पिछले करीब 10 दिन से ही डीएपी लेने के लिए चक्कर लगा रहा है। अभी तक केवल मायूसी ही हाथ लगी है। जब भी डीएपी लेने के लिए आता है तो खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है।

सिलानी निवासी तेजपाल ने बताया कि वह पिछले 5-6 दिनों से डीएपी के लिए चक्कर लगा रहा है। सोमवार को भी अल सुबह ही पहुंच गया था। लेकिन खाद देने के नाम पर आनाकानी की जा रही है। गांव शेखुपुर निवासी सतबीर ने बताया कि वह पिछले 5 दिन से डीएपी के लिए भटक रहा है, लेकिन अभी तक डीएपी नहीं मिली। गांव सिलानी निवासी राजपाल ने बताया कि उसे केवल दो बैग डीएपी के लेने हैं। लेकिन डीएपी के लिए पिछले पांच दिन से चक्कर काट रहा है। अगर समय से डीएपी नहीं मिली तो बिजाई कार्य भी नहीं हो पाएगा।

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