रोहतक के जाट शिक्षण संस्थान में भ्रष्टाचार के आरोप, नियम ताक पर रख चहेतों को नौकरी देने का आरोप
रोहतक के जाट शिक्षण संस्थान में विवाद नहीं थम रहे। अब अब प्रशासक और उनसे जुड़े लोगों पर ही आरोप हैं। लोकहित संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता चंचल नांदल ने नियुक्तियों में भेदभाव का आरोप लगाया। प्रशासन के ओएसडी ने आरोपों को नकारा है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। उत्तर भारत की प्रतिष्ठित जाट शिक्षण संस्थान में विवाद थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। लंबे समय से संस्था के चुनाव नहीं हो रहे। अब प्रशासक और उनसे जुड़े लोगों पर संस्थान में नियमों को ताक पर रखते हुए अपने चहेतों को नौकरी देने के आरोप लगे हैं। लोकहित संगठन के प्रदेशाध्यक्ष एवं संस्था के आजीवन सदस्य अधिवक्ता चंचल नांदल ने नियुक्तियों के मामले में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए कई लोगों में कटघरे में खड़ा किया है। उधर, प्रशासक के ओएसडी इंजीनियर सुनील ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कुछ लोगों पर निजी हितों के चलते संस्था की छवि खराब करने की बात कही है।
जाट स्कूल के कर्मियों को नहीं मिला 36 माह से वेतन
बता दें कि जाट स्कूल के कर्मचारियों को पिछले 36 महीने से ज्यादा समय का वेतन नहीं मिला है। इसको लेकर कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं। धरने-प्रदर्शन किए जा चुके हैं। कर्मचारियों को संस्था के आजीवन सदस्यों का भी समर्थन मिलता रहा है। इतना ही नहीं कुछ कर्मियों को कोरोना महामारी के दौरान स्कूल के निकालकर बेरोजगार भी बना दिया। प्रशासन अनिता यादव ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया है, जो इस समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रही है।
मौजूदा समय मे कोई नई भर्ती नहीं : सुनील
प्रशासक एवं मंडल आयुक्त अनिता यादव के ओएसडी इंजीनियर सुनील दलाल ने इन आरोपों पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त अनिता यादव ने एक मार्च, 2021 को संस्था का बतौर प्रशासक पदभार ग्रहण किया है। तबसे उन्होंने संस्था की बेहतरी के कार्य किए हैं। उन्होंने संस्था के साथ ज्यादा निष्ठा व ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए संस्था को आगे ले जाने का कार्य किया है।
प्रशासक लगने के बाद नहीं हुई भर्तियां
सुनील दलाल ने स्पष्ट किया कि प्रशासक के पदभार के बाद से जाट शिक्षण संस्थाओं के किसी भी महाविद्यालय या स्कूल में किसी प्रकार की कोई नई नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा सीआर पॉलिटेक्निक कालेज में ईपीएफ घोटाले की जांच भी रिटायर्ड आइएएस अधिकारी से कराने के आदेश प्रशासक द्वारा दिए गए हैं। वहीं इस घोटाले में शामिल सभी व्यक्तियों को चार्जशीट भी किया गया है।ऐसे में संस्था के अहित में किसी कदम का सवाल ही नहीं उठता। हो सकता है इसी कार्यवाही से कुछ लोगों को तकलीफ जरूर हो।
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