हिसार में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, अब सिविल अस्पताल के 60 डॉक्टरों को दी जाएगी ट्रेनिंग

फतेहाबाद में छह छात्र संक्रमित मिले हैं। हिसार में स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। बच्चों के उपचार के लिए जरूरी उपकरणों की मांग की गई है। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। पंचकूला और रोहतक से ट्रेनिंग लेकर लौटे डॉक्टर ट्रेनिंग देंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:18 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:18 PM (IST)
हिसार में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, अब सिविल अस्पताल के 60 डॉक्टरों को दी जाएगी ट्रेनिंग
तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। इसलिए तैयारी चल रही है।

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार के आसपास जिलों में बच्चों के कोरोना संक्रमित मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। फतेहाबाद में एक साथ छह छात्र संक्रमित मिले हैं। ऐसे में हिसार स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं।

इसी कड़ी में हाल ही में बच्चों के उपचार के लिए पंचकूला और रोहतक से ट्रेनिंग लेकर लौटे डॉक्टर अब सिविल अस्पताल के अन्य डाक्टरों को ट्रेनिंग देना शुरू करेंगे। यह ट्रेनिंग सिविल अस्पताल में कार्यरत और अन्य स्वास्थ्य केंद्रो पर कार्यरत 60 डाक्टरों को करवाई जाएगी। हाल ही में पंचकूला स्वास्थ्य विभाग से बच्चों के उपचार संबंधी ट्रेनिंग लेकर लौटी पीडियाट्रिशियन डा. मंजु ने बताया कि तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका के चलते विभाग की ओर से लगातार तैयारियां की जा रही हैं।

उपकरणों और मैनपावर के लिए भेजी डिमांड 

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को खतरा बताया गया है। इसलिए तैयारी की जा रही है। बच्चों के उपचार संबंधी इक्विपमेंट के लिए मुख्यालय को लिखा गया है। बच्चों के ऑक्सीजन संबंधी उपकरण जैसे बाइपेप-सीपेप उपलब्ध करवाने के लिए लिखा गया है। वहीं बच्चों के उपचार के लिए मैनपावर बढ़ाने के लिए भी मुख्यालय से डिमांड की गई है। साथ ही बच्चों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना के उपचार संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी।

डॉक्टरों को दी जाएगी इन बिंदुओं पर ट्रेनिंग

डॉ. मंजु ने बताया कि डॉक्टर, ऑपरेशन थिएटर के स्टाफ और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में बच्चों के कोरोना संंबंधित लक्षणों को पहचानना, उनका उपचार करना और दूसरे बच्चों से संक्रमण से बचाने संंबंधी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ-साथ बच्चों में सामान्य, मध्यम और गंभीर लक्षण वाले बच्चों की पहचानकर उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाने संबंधी जानकारी और संक्रमित बच्चों को वेंटिलेटर या बाइपेप से आक्सीजन देने और आक्सीजन की वेस्टेज ना हो इस बारे में भी जानकारी दी गई। गौरतलब है कि इससे पहले फील्ड के डाक्टरों को ट्रेनिंग दी गई थी। जिसमें करीब 100 डाक्टरों को तीसरी लहर के लिए तैयार किया गया था।

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