हिसार में कोरोना संक्रमण दर पहुंची शून्य के करीब, तीसरी लहर की आहट के बीच सुधर रहे हालात
तीसरी लहर का अंदेशा बेशक सिर पर मंडरा रहा हो लेकिन जिले में कोरोना की वर्तमान स्थिति दिनों दिन बेहतर होती जा रही है। 21 फीसद के खतरनाक लेवल तक पहुंच चुकी संक्रमण दर अब 1 फीसद से नीचे शून्य के करीब चल रही है।
संवाद सहयोगी, हांसी (हिसार) कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा बेशक सिर पर मंडरा रहा हो, लेकिन जिले में कोरोना की वर्तमान स्थिति दिनोंदिन बेहतर होती जा रही है। 21 फीसद के खतरनाक लेवल तक पहुंच चुकी संक्रमण दर अब 1 फीसद से नीचे शून्य के करीब चल रही है। वर्तमान माह में कोरोना संक्रमण दर महज 0.18 फीसद है जो पिछले चार महीनों में सबसे कम है। कोरोना की दूसरी लहर में हिसार जिले प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। आइसीएमआर द्वारा अब अगस्त में तीसरी लहर आने की बात कही जा रही है।
हालांकि तीसरी लहर की स्थिति को लेकर वैज्ञानिकों की राय बंटी हुई है और सब अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक कोरोना के नए वेरियंट आने के कारण तीसरी लहर को दूसरे से भी खतरनाक बता रहे हैं तो कुछ का अंदेशा है कि ये दूसरी लहर के मुकाबले कम खतनाक होगी। वहीं, वर्तमान में हिसार जिले की बात करें तो संक्रमण के मामले में स्थिति बेहतर होती जा रही है और सरकार द्वारा भी हफ्ते दर हफ्ते अनलॉक में ढील बढ़ाई जा रही है।
ये 5 महीने साबित हुए सबसे खतरनाक, मिले 90 फीसद केस
जिले में पिछले साल मई के बाद से अब तक कुल 53 हजार 966 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इस 1 साल की अवधि में 90.6 फीसद केस केवल 5 महीनों में मिले हैं। सबसे ज्यादा खतरनाक व जानलेवा इस साल के अप्रैल व मई रहे।
महीना कोरोना केस मिले
मई 2021 - 43 फीसद
अप्रैल 2021 - 22.8 फीसद
नवंबर 2020 - 10.6 फीसद
सितंबर 2020- 7.2 फीसद
अक्टूबर 2020 - 7 फीसद
अन्य महीनों में - 10.4 फीसद
कुल - 100 फीसद
4 महीने बाद फिर राहत, संक्रमण दर शून्य के करीब
महीना केस संक्रमण दर
जनवरी 141 0.31
फरवरी 59 0.18
मार्च 290 0.90
अप्रैल 12318 21.58
मई 23211 21.06
जून 944 1.46
जुलाई 56 0.18
लेकिन मौत का तांडव बरकरार, 22 दिनों में 22 मौत
तमाम राहत भरे आंकड़ों के बीच कोरोना से मौत का सिलसिला बरकरार है। जुलाई के 22 दिनों में 56 पॉजिटिव केस मिले व 22 कोरोना संक्रमितों को जान गंवानी पड़ी। जबकि जून महीने में भी 121 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इन आंकड़ों स्पष्ट करते हैं कि संक्रमण कम होने के बावजूद बड़े स्तर पर कोरोना संक्रमितों की मौतें हो रही हैं।