कोरोना संक्रमित महिला को सिविल अस्पताल में नहीं मिला वेंटिलेटर
12 क्वार्टर पुलिस चौकी के नजदीक निवासी एक महिला 14 नवंबर को कोरोना पॉजिटिव मिली थी। उसे सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया था। रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई तो वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी लेकिन डाक्टर उपलब्ध नहीं करा पाए।
जागरण संवाददाता, हिसार : स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सुविधाएं बढ़ाने का दावा कर रहा है। साथ ही सिविल अस्पताल में भी वेंटिलेटर चालू होने की बात भी अधिकारी कह रहे हैं, लेकिन रविवार देर रात एक कोरोना संक्रमित महिला को यहां वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो पाया। डाक्टरों ने उसे अग्रोहा रेफर कर दिया। वहां पहुंचने के थोड़ी देर बाद महिला ने दम तोड़ दिया।
12 क्वार्टर पुलिस चौकी के नजदीक निवासी एक महिला 14 नवंबर को कोरोना पॉजिटिव मिली थी। उसे सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया था। रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई तो वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी, लेकिन डाक्टर उपलब्ध नहीं करा पाए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिविल अस्पताल में 17 में से तीन वेंटिलेटर ही चालू हालत में हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी सभी वेंटिलेटर चालू होने के दावे करते हैं। महिला की मौत के बाद उनके दावे की पोल खुल गई है।
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मामले को लेकर डा. रमेश पूनिया की वीडियो हुई थी वायरल
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर डा. रमेश पूनिया की भी एक वीडियो वायरल हुई थी। जिसमें वे सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर बंद होने की बात कहते दिखाई दिए थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले में जांच करते हुए डा. पूनिया से स्पष्टीकरण मांगा गया था।
सिविल अस्पताल में सांसद कोटे व संस्था की ओर से दिए गए थे वेंटिलेटर
सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से वेंटिलेटर नहीं थे। फरवरी में जिले में कोरेाना की आहट हुई तो सांसद बृजेंद्र सिंह ने अपने कोटे से सिविल अस्पताल को 6 वेंटिलेटर के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक का बजट जारी किया था। जिसके बाद सिविल अस्तपाल में वेंटिलेटर लाए गए थे। जब कोरोना के मामले ज्यादा बढ़े तो रोटरी क्लब की ओर से भी सिविल अस्पताल को वेंटिलेटर दिए गए। इसके बाद मुख्यालय की ओर से भी वेंटिलेटर भेजे गए।