शोक में बीता मई, आदमपुर में 5 दशक में पहली बार एक माह में हुए 44 संस्कार
संवाद सहयोगी आदमपुर इस साल मई माह आदमपुर के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल महीना साबित हुआ है
संवाद सहयोगी, आदमपुर : इस साल मई माह आदमपुर के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल महीना साबित हुआ है। इस दौरान मंडी आदमपुर के सरपंच सहित 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई इसमें से 44 का अंतिम संस्कार आदमपुर बैकुंठ धाम में किया गया। कोरोना संक्रमण के चलते कुछ संस्कार आदमपुर से बाहर किए गए तथा कुछ बिश्नोई समुदाय से जुड़े होने के कारण उन्हें मिट्टी दी गई।
आदमपुर बैकुंठ धाम समिति के अनुसार करीब पांच दशकों में आदमपुर में कभी भी एक माह में इतनी मौते नहीं हुई है। कोरोना संक्रमण के चलते आदमपुर में रोजाना एक से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा सामने आया है। ऐसे में मई माह काफी दर्दनाक साबित हुआ। आदमपुर का हर निवासी इस माह को भूलने की ही कोशिश करेगा। 1 मई से लेकर 31 मई तक लगातार बैकुंठ धाम में चिताएं जलती रही।
मई के प्रथम सप्ताह में 12, दूसरे सप्ताह में नौ, तीसरे सप्ताह में 13, चौथे सप्ताह में छह और अंतिम सप्ताह के दो दिनों में चार लोगों के संस्कार आदमपुर बैकुंठ धाम में हुए। इनमें सबसे ज्यादा अग्रवाल समाज के 14, पंजाबी समाज के सात, रेगर समाज से छह और बाकि अन्य समाज के लोग शामिल है। इस माह में हुए दाह संस्कारों में करीब 200 क्विंटल लकड़ी लगी। आमतौर पर आदमपुर में इतनी लकड़ी की खपत छह माह में भी मुश्किल से होती है। ऐसे में मई माह आदमपुर के लिए बुरी यादें समेट कर अपने साथ ले गया।