हरियाणा में शिक्षक पुरस्कारों के लिए आवेदन को लेकर असमंजस, हसला ने जताया विरोध

वर्ष 2021 के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कारों की नामांकन प्रक्रिया के लिए 19 जुलाई से पोर्टल खोलने की अधिसूचना जारी की है वहीं अभी तक वर्ष 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा ना होने से प्रदेशभर के शिक्षक मायूस व असमंजस की स्थिति में है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 05:04 PM (IST)
हरियाणा में शिक्षक पुरस्कारों के लिए आवेदन को लेकर असमंजस, हसला ने जताया विरोध
हसला की मांग वर्ष 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कार की जल्द हो घोषणा

जागरण संवाददाता,झज्जर : शिक्षा विभाग ने एक तरफ जहां वर्ष 2021 के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कारों की नामांकन प्रक्रिया के लिए 19 जुलाई से पोर्टल खोलने की अधिसूचना जारी की है, वहीं अभी तक वर्ष 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा ना होने से प्रदेशभर के शिक्षक मायूस व असमंजस की स्थिति में है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने प्रदेश सरकार से लंबित पुरस्कारों की घोषणा करने की मांग की। ताकि नई नामांकन प्रक्रिया में असमंजस की स्थिति ना बने तथा विभागीय अनावश्यक वर्क लोड को कम किया जा सके।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन पहली बार एक विशेष पोर्टल पर आमंत्रित किए थे। जिसमें, दावा किया गया था कि एक माह के अंदर परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी। जबकि, आठ माह से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद परिणामों की घोषणा नहीं की गई। इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी बताई जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि जब कोरोना काल में पदोन्नतियां, ट्रांसफर ड्राइव जैसे सभी कार्य चल रहे हैं तो राज्य शिक्षक पुरस्कार के परिणामों की घोषणा क्यों नहीं हो पा रही। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए पिछले दिनों आवेदन मांगे थे, जिनके अंतिम तिथि 30 जून रखी गई थी। यदि हरियाणा में समय से राज्य शिक्षक पुरस्कार के परिणाम घोषित हो जाते तो सैकड़ों शिक्षक अब राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन कर पातें।

क्योंकि, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। वर्ष 2021 के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कारों के आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। पिछले वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा ना होने से पिछले वर्ष के शिक्षक भी इस वर्ष के राज्य पुरस्कारों के लिए भी आवेदन करेंगे। जिससे शिक्षकों की ऊर्जा एवं समय बर्बाद होगा। विभाग व सरकार पर अनावश्यक वर्कलोड बढ़ेगा।

राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने कहा कि अनावश्यक देरी से राज्य शिक्षक पुरस्कार की नई पारदर्शी नीति पर सवालिया निशान लगना स्वाभाविक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से मांग करते हुए कहा कि इस पखवाड़े में वर्ष 2020 के राज्य शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा की जाए। इस घोषणा के बाद अगले पखवाड़े में आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो, ताकि पुराने आवेदकों को सम्मान मिले तथा नए आवेदक अपने केस ठीक ढंग से तैयार कर सकें।

chat bot
आपका साथी