अवैध कब्जे हटाने की दी शिकायत, विभाग ने मांगे निशानदेही के पैसे
अधिकारी व कर्मचारी सार्वजनिक व निजी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने में बरत रहे कोताही।
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संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर: अधिकारी व कर्मचारी सार्वजनिक व निजी जमीनों पर अतिक्रमण तथा अवैध कब्जा हटाने में रुचि नहीं लेते। पीड़ित की ओर से बार-बार शिकायत करने पर अधिकारी मामले का निस्तारण करने के बजाए जिला उपायुक्त के पत्र का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इस संबंध में आदमपुर हाई स्कूल रोड निवासी सुनील कुमार ने आदमपुर के महाश्रमण चौक से लेकर क्रांति चौक तक सड़क व फुटपाथ से अवैध कब्जे हटाने के बारे में इस साल दो अगस्त को पीडब्ल्यूडी बी एंड आर के खिलाफ सीएम विडो में शिकायत दी थी। शिकायत में सुनील ने बताया कि आदमपुर के पशु अस्पताल से लेकर क्रांति चौक तक की सड़क सरकारी रिकार्ड में करीब 33 फीट चौड़ी है। यह सड़क केवल 22 फीट ही रह गई है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल की सरकार में 1985-86 में सड़क के किनारे फुटपाथ भी बनाए गए थे। आदमपुर की इस मुख्य सड़क पर एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दो बैंक व अनेक प्राइवेट अस्पताल हैं। विभाग की अनदेखी के चलते जहां फुटपाथ खुर्द-बुर्द हो गए है वहीं सड़क की चौड़ाई भी सिकुड़कर रह गई है।
विभाग ने निशानदेही करवाने के मांगे पैसे
शिकायत के बाद पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की ओर से भेजे गए पत्र में शिकायतकर्ता से निशानदेही करवाने की बात कहते हुए 45 हजार रुपये विभाग में जमा करवाने की बात कही है। 12 नवंबर को विभाग द्वारा भेजे पत्र के साथ ही 18 सितंबर 2017 को हिसार जिला उपायुक्त द्वारा जारी पत्र की हिदायतों का हवाला देकर कब्जा हटाने के लिए की जाने वाली पैमाइश के लिए निशानदेही का खर्चा कार्यालय में जमा करवाने की बात कही है।
अब पीएमओ को भेजी शिकायत
सीएम विडो पर भेजी शिकायत पर समाधान न होते देख सुनील कुमार ने पीएमओ को शिकायत भेजी है। सुनील कुमार ने कहा है कि सरकारी जगह पर अवैध कब्जे हटाने की जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन के अधिकारियों की है। इस तरह अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई करने की बजाए अपना पल्ला झाड़ेने लगे तो सरकारी जगहों पर अतिक्रमण व अवैध कब्जे हट ही नही पाएंगे।