हिसार ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी के खिलाफ शिकायत को पार्षद और सीएम विंडो अधिकारी ने दिया झूठा करार

40 हजार रुपये की रिश्वत मामले में फरार चल रहे ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी के खिलाफ हांसी निवासी राजीव सैनी द्वारा सुरेश चौधरी के खिलाफ सीएम विंडो में डाली गई शिकायत पर शिकायतकर्ता और सीएम विंडो की एक महिला कर्मी की बातचीत का एक आडियो वायरल हुआ है

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 02:21 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 02:21 PM (IST)
हिसार ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी के खिलाफ शिकायत को पार्षद और सीएम विंडो अधिकारी ने दिया झूठा करार
रिश्‍वत केस में आरोपित ड्रग कंट्रोलर अधिकारी सुरेश चौधरी के खिलाफ राजीव सैनी ने दी थी सीएम विंडो में शिकायत

जागरण संवाददाता, हिसार: केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत मामले में फरार चल रहे ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही। हांसी निवासी राजीव सैनी द्वारा सुरेश चौधरी के खिलाफ सीएम विंडो में डाली गई शिकायत पर शिकायतकर्ता और सीएम विंडो की एक महिला कर्मी की बातचीत का एक आडियो वायरल हुआ है। जिसमें हांसी के एक पूर्व मनोनित पार्षद और पंचकूला की एक सीएम विंडो की अधिकारी आडियो में सुरेश चौधरी का बचाव करते सुनाई दिए। आडियो में सामने आया कि सीएम विंडो के जवाब में हांसी के पूर्व पार्षद और सीएम विंडो अधिकारी ने शिकायतकर्ता पर ही जांच में शामिल न होने के आरोप लगाकर झूठी रिपोर्ट बनाकर जवाब भेज दिया। जबकि सीएम विंडो में शिकायत लगाने वाले राजीव सैनी ने कहा कि उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया ही नहीं गया।

जुलाई 2019 में भेजी थी शिकायत -

राजीव सैनी ने बताया कि उसने सुरेश चौधरी के खिलाफ जुलाई 2019 में सीएम विंडो में भी शिकायत दी थी। इसके बाद कोई कार्रवाई न होने पर 13 मार्च 2020 को रिमाइंडर भेजा था। जुलाई में फिर रिमांडर भेजा। सीएम विंडो में फोन किया था। लेकिन उन्होंने बताया कि आपकी शिकायत पर जो जवाब आया है कि उसमें कहा गया कि आप शिकायत पर हुई जांच में ही शामिल नहीं हुए, इसलिए शिकायत ही केंसिल की जाती है।

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सुनिए सीएम विंडो कर्मी और राजीव सैनी के बीच वायरल हुई आडियो में क्या बातचीत हो रही है -

सीएम विंडो कर्मी - आपकी फूड एंड ड्रग से संबंधित शिकायत आई है। इसमें एक शिकायत सुरेश चौधरी पर भ्रष्टाचार कर लोगों के आम जनजीवन से खिलवाड़ करने बारे दी गई है। इसमें जो जांच रिपोर्ट आई है क्या आपने पढ़ी है।

राजीव सैनी - नहीं जांच रिपोर्ट नहीं पढ़ी है।

सीएम विंडो कमी - ये रिपोर्ट मैं बता रही हूं। इस विषय हरियाणा खाद्य एवं औषधि प्रशासन अधिकारी द्वारा जांच की गई। इसमें मंजू टूटेजा जांच में शामिल हुई थी और आपके जांच में शामिल न होने की बात लिखी गई है।

राजीव सैनी - मैने जांच में शामिल होने के लिए मना नहीं किया।

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सीएम विंडो कर्मी - जवाब में यह भी लिखा गया कि हांसी के धर्मबीर रतेरिया ने बयान दिए है कि शिकायतकर्ता राजीव सैनी ने जांच में शामिल होने से मना कर दिया था और उसे शिकायत करने की आदत है, इस मामले में पहले भी राजीव सैनी दो बार शिकायत कर चुका है। यह शिकायत झूठी है। इसलिए शिकायत को सरकार ने भी अस्वीकार कर दिया है। इसलिए अब शिकायतकर्ता की एक ही शिकायत है।

राजीव सैनी - कार्रवाई नहीं हुई तो दो बार रिमांडर भेजा गया था।

सीएम विंडो कर्मी - आपको जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था या नहीं।

राजीव सैनी - मुझे जांच में शामिल होने के लिए किसी ने नहीं बुलाया, अगर बुलाया जाता तो जरुर जाता है। मंजु टूटेजा और धर्मबीर रतेरिया के खिलाफ भी शिकायत होनी चाहिए। इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

सीएम विंडो कर्मी - आप की शिकायत को झूठा बताया गया है।

राजीव सैनी - शिकायत झूठी नहीं है, सुरेश चौधरी को सस्पेंड किया जा चुका है। आप मेरी शिकायत दोबारा आगे बढ़ाइये। मंजू टूटेजा और धर्मबीर पर कार्रवाई होनी चाहिए।

इधर सुरेश चौधरी के रेडकार्नर नोटिस जारी के लिए डीआइजी को लिखा जा चुका है पत्र

इधर रेडकार्नर नोटिस जारी करने के लिए सिरसा विजिलेंस ने डीआइजी को पत्र लिखा है। उसके बाद वहां से उसके नोटिस जारी होंगे। मामले में जांचकर्ता सि‌रसा विजिलेंस में इंस्पेक्टर अनिल सोढ़ी ने बताया कि सुरेश चौधरी के खिलाफ रेडकार्नर औ लुकआउट नोटिस जारी होने से वह विदेश नहीं भाग सकेगा। मामले में जवाब दो हिसाब दो के अध्यक्ष राजीव सरदाना ने कहा की मामले में शामिल दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए।

---राजीव सैनी से व्यक्तिगत रूप से कोई जान-पहचान नहीं है। सीएम विंडो से मेरा कोई संबंध नहीं है। अभी मामले की पूरी जानकारी नहीं है। जानकारी जुटा कर ही इस मामले में कुछ कह पाउंगा।

धर्मबीर, पूर्व मनोनीत पार्षद, हांसी।

---मार्च 2020 में यह शिकायत आई थी। जांच हुई थी, राजीव सैनी से फोन पर संपर्क किया गया था, लेकिन वे जांच में नहीं आए थे। इसके बाद दोबारा शिकायत लगाई गई। विभाग ने अपने स्तर पर ही पुरानी एटीआर को ही अपलोड कर दिया। लेकिन उस दौरान मैं वहां से हट चुकी थी। मुझपर जो आरोप लगाए गए है वे बेबुनियाद है।

मंजू टूटेजा, पूर्व एमिनेंट, सीएम विंडो, हांसी।

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