हिसार नगर निगम में यूजर चार्ज रिकार्ड में गड़बड़ी पर कमिश्नर ने स्टाफ से मांगा रिकार्ड

नगर निगम की ओर से ऑनलाइन किए गए यूजर चार्ज डाटा में गड़बड़ी मामले में नगर निगम कमिश्नर अशोक गर्ग ने संज्ञान लिया है। कमिश्नर ने निगम अफसरों से यूजर चार्ज के संबंध में जवाब तलब किया है। स्टाफ यूजर चार्ज का डाटा गड़बड़ाने का कारण तलाश रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 02:03 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 02:03 PM (IST)
हिसार नगर निगम में यूजर चार्ज रिकार्ड में गड़बड़ी पर कमिश्नर ने स्टाफ से मांगा रिकार्ड
नगर निगम की ओर से ऑनलाइन किए यूजर चार्ज डाटा में गड़बड़ी मामले में नगर निगम कमिश्नर ने संज्ञान लिया

हिसार, जेएनएन। नगर निगम की ओर से ऑनलाइन किए गए यूजर चार्ज डाटा में गड़बड़ी मामले में नगर निगम कमिश्नर अशोक गर्ग ने संज्ञान लिया है। कमिश्नर ने निगम अफसरों से यूजर चार्ज के संबंध में जवाब तलब किया है। स्टाफ यूजर चार्ज का डाटा गड़बड़ाने का कारण तलाश रहा है। साथ ही कमिश्नर ने स्टाफ को जनता की समस्या के समाधान के लिए भी कहा है। उधर, जनता भी अपने हजारों रुपये के यूजर चार्ज देखकर हैरान है। लोगों के 60-60 हजार रुपये तक ठोस कचरा प्रबंधन प्रभार यानी यूजर चार्ज आया हुआ है। यह खामी भविष्य में जनता की बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है।

ये है मामला

निगम डोर-टू-डोर कचरा उठाने के एवज में मकान मालिक से यूजर चार्जेज वसूलता है। प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स की तहत ही यूजर चार्ज (कचरा प्रभार) भी ऑनलाइन करवाया ताकि जनता को लाइनों में न लगना पड़े। बहुत से लोगों का यूजर चार्ज हजारों में दर्शाया जा रहा है जबकि लोगों की मानें तो यह काफी कम होना चाहिए।

2011 में जारी हुआ था यूजर चार्ज का नोटिफिकेशन

शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा (यूएलबी) ने 24 अक्टूबर 2011 को तत्कालीन वित्तायुक्त एसएस ढिल्लो ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए तुरंत प्रभाव से उपभोक्ता प्रभार लागू किया था। हालांकि इसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के अंतर्गत कुछ परिवर्तन किए गए हैं।

ये हैं यूएलबी के साल 2011 के आदेशानुसार मासिक यूजर चार्ज

- 100 वर्ग मीटर (प्लाट क्षेत्र) तक के होस्टलों समेत आवासीय मकान - 20 रुपये मासिक

- 100 से 200 वर्ग मीटर (प्लाट क्षेत्र) तक के होस्टलों समेत आवासीय मकान - 40 रुपये मासिक

- 200 से 400 वर्ग मीटर (प्लाट क्षेत्र) तक के होस्टलों समेत आवासीय मकान - 50 रुपये मासिक

- 400 वर्ग मीटर से अधिक (प्लाट क्षेत्र) तक के होस्टलों समेत आवासीय मकान - 100 रुपये मासिक

- ईडब्ल्यूएस फ्लैट को छोड़कर 2000 वर्ग फीट तक आच्छादित क्षेत्र वाले अपार्टमेंट्स व फ्लैट के लिए - 50 रुपये प्रति फ्लैट

- 2000 वर्ग फीट से अधिक के आच्छादित क्षेत्र वाले अपार्टमेंट्स, फ्लैटस के लिए - 100 रुपये प्रति फ्लैट

- मंडियों में दुकानों, सर्विस स्टेशनों, रेस्टोरेंटों, ढाबों, मत्स्य दुकानों आदि 200 वर्ग फीट तक के आच्छादित क्षेत्र वाले व्यक्तिगत दुकानों और निजी दुकानों के कार्यालयों के लिए - 25 रुपये मासिक

- दुकानों, सर्विस स्टेशनों, रेस्टोरेंटों, ढाबों, मत्स्य दुकानों आदि 200 वर्ग फीट से अधिक के आच्छादित क्षेत्र वाले व्यक्तिगत दुकानों और निजी दुकानों के कार्यालयों के लिए - 100 रुपये प्रतिमाह

- इंडोर सुविधाओं के बिना नर्सिंग होम, क्लीनिक्स/अस्पतालों/औषधालयों, 50 बिस्तरों तक के अस्पतालों के लिए - 1500 रुपये मासिक

- 50 बिस्तर से अधिक परंतु 100 बिस्तरों तक अस्पतालों के लिए - 3000 रुपये मासिक

- मॉल, सिनेमा हाल, शॉङ्क्षपग कॉम्प्लेक्स के लिए - आच्छादित क्षेत्र का 0.50/ प्रति वर्ग फीट

- कारखानों, मिलों - प्लाट क्षेत्र का 0.50/प्रति वर्ग मीटर

- बैंकों, सभागारों, गेस्ट हाउसों (10 कमरों तक) - 500 रुपये मासिक

- मैरिज हॉल, बैंक्विट हाल, होटल (10 कमरों से अधिक), कॉम्प्लेक्स पार्टी लॉन - 4000 रुपये मासिक

- 500 तक की सदस्यता वाले रेस्टोरेंट सुविधा के साथ क्लबों के लिए - 500 रुपये मासिक

- 500 से अधिक सदस्यता वाले रेस्टोरेंट की सुविधा के साथ क्लबों के लिए - 1000 रुपये मासिक

- पेट्रोल पम्प, गैस स्टेशन - 1000 रुपये मासिक

- केंद्रीय तथा राज्य सरकार और लोक संस्था कार्यालय/कॉम्प्लेक्स, कल्याण संगठन/समितियां - 150 रुपये मासिक

- दो एकड़ तक किसी प्रकार की सभी शैक्षणिक संस्थाएं - 500 रुपये मासिक

- दो एकड़ से ज्यादा पांच एकड़ तक किसी प्रकार की सभी शैक्षणिक संस्थाएं - 1000 रुपये मासिक

- पांच एकड़ से ज्यादा तक किसी प्रकार की सभी शैक्षणिक संस्थाएं - 2000 रुपये मासिक

- बीपीएल मकानों, अधिसूचित स्लम, मलिन बस्तियां और ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स - 5 रुपये मासिक

- सभी धर्मशालाओं, धार्मिक स्थल, खेल क्लब - कोई शुल्क नहीं

----ऑनलाइन यूजर चार्ज अधिक क्यों दर्शा रहा है, इस बारे में स्टाफ से जवाब मांगा गया है। जनता की जो समस्या है उसका समाधान करवाया जाएगा।

- अशोक कुमार गर्ग, कमिश्नर, नगर निगम हिसार

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