Hisar News: अफसरों के हाथों की कठपुतली बना सीएम विंडो सिस्टम, शिकायतों पर अपलोड कर रहे झूठी रिपोर्ट

हिसार में सीएम विंडाे पर हो रहे फर्जवाड़े का मामला सामने आया है। शहर हर रोज ऐसे पीड़ित सामने आ रहे हैं जिनकी शिकायतों का कोई हल ही नहीं निकला और शिकायतों का विभागों ने समाधान भी कर दिया।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 12:53 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 12:53 PM (IST)
Hisar News: अफसरों के हाथों की कठपुतली बना सीएम विंडो सिस्टम, शिकायतों पर अपलोड कर रहे झूठी रिपोर्ट
हिसाप सीएम विंडो पर शिकायतों में फर्जीवाड़ा।

हिसार, जागरण संवाददाता। जब कहीं पर भी कोई काम नहीं होता है तो लोगों को सरकार ने शिकायत करने के लिए सीएम विंडो का सहारा दिया था। मगर अब इस सिस्टम को अफसरों के हाथ की कठपुतली बना दिया है। सीएम विंडो पर निगरानी रखने वाले खुद ही शिकायतकर्ता बन रहे हैं, झूठी रिपोर्ट लगा रहे हैं और शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर कर रिपोर्ट बंद भी कर दे रहे हैं।

ऐसा एक मामला नहीं बल्कि हर रोज ऐसे मामले निकलकर सामने आ रहे हैं। ऐसे में परेशान लोगों की न तो समस्या का हल निकल रहा है न ही इस गलत कार्य को करने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। सीएम विंडाे पर अफसरों का एक ही फोकस है कि कैसे ही शिकायतों का निस्तारण हो जाए ताकि उच्चाधिकारियों को लंबित शिकायतें दिखें ही ना। हिसार में हर रोज ऐसे पीड़ित सामने आ रहे हैं जिनकी शिकायतों का कोई हल ही नहीं निकला और शिकायतों का विभागों ने समाधान भी कर दिया।

इन उदाहरणों से समझिए किस प्रकार का सीएम विंडो को बना कठपुतली सिस्टम

केस 1

अधिवक्ता जितेंद्र आर्य ने सीएम विंडो राजगुरू मार्केट में बरामदे कब्जाने से जुड़ी सीएम विंडो लगाई। इस मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल कर दी गई। जिसमें बता दिया गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर एक्शन लेते हुए नगर निगम की तहबाजारी टीम ने राजगुरू मार्केट से बरामदों को खाली करा दिया गया है। खास बात है कि अधिवक्ता ने दो बार यह शिकायत लगाई और दोनों ही बार सीएम विंडो पर रिपोर्ट में शिकायतकर्ता के ही हस्ताक्षर कह रिपोर्ट दाखिल कर दी गई कि कार्रवाई हो गई है और शिकायतकर्ता संतुष्ट है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सीएम विंडो पर निगरानी के लिए तैनात मनोनीत एमिनेंट भी इस कार्य में शामिल हैं। इस मामले की शिकायत अधिवक्ता जितेंद्र आर्य ने सीएम मनोहर लाल से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से की है।

केस 2

एक शिकायतकर्ता ने गांव लुदास में अवैध कालोनी से जुड़ी शिकायत की थी। जिसमें दो बार शिकायत रद्द कर दी गई। दोनों बार शिकायतकर्ता की सहमति तक नहीं ली गई। इस मामले में पहली शिकायत में जो विभाग की तरफ से एक्शन टेकन रिपोर्ट दी उसमें अपना तर्क देते हुए शिकायत रद्द कर दी। वहीं दूसरी शिकायत में जो विभाग ने एक्शन टेकन रिपोर्ट दी उसमें कोर्ट केस विचाराधीन है जैसी बात कही गई। जबकि मामले में कोर्ट ने टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग को इस सबंध में कोई निर्देश ही नहीं दिए थे। इसके बावजूद यह शिकायत बंद कर दी गई। हैरानी की बात है कि जिस विभाग की शिकायत की वही इस मामले के जांच अधिकारी बना दिए।

केस 3

वार्ड 20 में एक भवन को लेकर अग्रसेन कालोनी निवासी रविंद्र ने सीएम विंडो लगाई थी। जिसमें यह भी माना गया कि प्लाट को लेकर तहसील कार्यालय की ओर से रजिस्ट्री में गड़बड़ी हुई है। इसके बावजूद बिना शिकायतकर्ता की सहमति के शिकायत को बंद कर दिया गया। अभी तक शिकायतकर्ता इस मामले को लेकर संतुष्ट नहीं है। हैरानी की बात है कि सीएम विंडो पर निगरानी के जो एमिनेंट पर्सन भी अपसरों की हां में हां मिला रहे हैं।

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