रिकार्ड 16 दिनों में तैयार हुए संजीवनी अस्पताल का सीएम आज हिसार में करेंगे शुभारंभ
- हरियाणा रोड एंड ब्रिज डेवलपमेंट कोऑपोरेशन ने अस्पताल बनवाने के लिए दिन-रात किए एक
- हरियाणा रोड एंड ब्रिज डेवलपमेंट कोऑपोरेशन ने अस्पताल बनवाने के लिए दिन-रात किए एक
जागरण संवाददाता, हिसार: ओपी जिदल मार्डन स्कूल में बना चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल शनिवार रात्रि तक पूरी तरह तैयार हो गया। रविवार को सीएम मनोहर लाल हिसार में आकर दोपहर करीब एक से दो बजे के बीच में अस्पताल का शुभारंभ करेंगे। इस अस्पताल को करीब 28 करोड़ रुपये में बनाया गया है। इससे पहले उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी और डीआइजी बलवान सिंह राणा ने अस्पताल का निरीक्षण कर पूरी जानकारी ली और सभी अधिकारियों को ब्रीफ भी किया। खास बात यह है कि अस्पताल को राज्य की एजेंसियों ने महज 16 दिन में तैयार किया है। जिदल स्टेनलैस प्रबंधन का भी इसमें प्रमुख योगदान है, जिन्होंने अपना स्कूल अस्पताल के लिए दिया। सीएम के जाने के बाद यहां मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। शनिवार तक चिकित्सकों, स्टॉफ नर्स सहित अन्य स्टॉफ ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली। अस्पताल में ट्रायल के जरिये देख लिया गया कि सभी उपकरण काम कर रहे हैं या नहीं।
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ऐसे डीआरडीओ से एचआरबीडीसी के पास पहुंचा निर्माण
इस अस्पताल को पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बनाने की बात चल रही थी, मगर बाद में डीआरडीओ ने खुद को व्यस्त बताया। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को लोकनिर्माण विभाग की एक दूसरे विग हरियाणा रोड एंड ब्रिज डेवलपमेंट कोऑर्पोरेशन (एचआरबीडीसी) को यह जिम्मेदारी दी है। उन्होंने अस्पताल निर्माण की जिम्मेदारी दिल्ली की फर्म जेबी डेकोर को दी। एचआरबीडीसी के मैनेजिग डायरेक्टर निहाल सिंह बताते हैं कि विभाग के एक्सईएन विशाल, रितेश नांदल, जेबी डेकोर के सीईओ रुपेंद्र वालिया ने इस इन्फ्रा को खड़ा करने में दिन-रात एक कर दिए। इंफ्रा ही नहीं बल्कि मेडिकल उपकरण, बेड व अन्य सामान भी कंपनी की मदद से दिल्ली से लाया गया। सामाना लाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। यहां ऑक्सीजन की अंतरित लाइन कंपनी ने ही बिछाने का काम किया। ऑक्सीजन सप्लाई का काम जिदल स्टेनलेस द्वारा किया जाएगा।
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पांच एंबुलेंस रहेंगी तैनात
अस्पताल में पांच एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं से जुड़े सभी विभागों का एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है ताकि अस्पताल के सुचारू संचालन में कोई बाधा न आए। मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ ने अस्पताल में अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है।
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एक बेड को एक दिन में आठ लीटर देंगे ऑक्सीजन
जिदंल स्टेलैस हिसार लिमिटेड के विनिर्माण प्रमुख वीके बिदलिश बताते हैं कि वह कुल आठ टन ऑक्सीजन रोजाना, यानि करीब 58 लाख लीटर ऑक्सीजन हर दिन 500 बेडों को मुहैया होगी। अस्पताल में एक मिनट में एक बेड को आठ लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी। अगर 500 बेड से हिसाब लगाएं तो 500 बेड के लिए एक मिनट में चार हजार लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होगी। यानि इस हिसाब का 2.40 लाख लीटर ऑक्सीजन प्रति घंटे चाहिए होगी।
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अस्पताल में ये हैं सुविधाएं
ब्लॉक----
ए- 230 बेड
बी- 120 बेड
ओपीडी- हैंगर में 16 बेड
सी- स्कूल भवन में 72 बेड
डी- जूनियर विग- 72 बेड
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ये बूथ स्थापित
पुलिस, हेल्प डेस्क, सिक्योरिटी, सीसीटीवी, फायर, एसी कंट्रोल, लाइट कंट्रोल, जेनरेटर एरिया, शौचालय
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मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया
स्टेप एक- ऑक्सीजन की कमी वाले मरीज, अस्पताल से रेफरल मरीज यहां आएंगे या एंबुलेंस से लाए जाएंगे।
स्टेप दो- आधार कार्ड, मेडिकल रिपोर्ट आदि लेकर उनका मौके पर चिकित्सकों की टीम द्वारा ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा
स्टेप तीन- ऑक्सीजन लेवल कम है या गिर रहा है तो तत्काल भर्ती किया जाएगा अटेंडेंट सभी प्रक्रिया कराएगा
स्टेप चार- चंद मिनट में बेड देना होगा
स्टेप पांच- मरीज के आते ही चिकित्सक उसकी कंडीशन देखते ही ऑक्सीजन व दवा मुहैया कराएंगे
स्टेप छह- स्थिति गंभीर हो जाती है तो वेंटिलेटर बेड वाले अस्पताल में भेजा जाएगा
स्टेप सात- दवा व अन्य जांच यहीं पर हो सकेंगी
स्टेप आठ- रोगी ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा