बहादुरगढ़ में विधायक शकुंतला खटक के पति समेत नगर परिषद के तीन अधिकारी निलंबित
विवादित जमीन का नक्शा पास करने वाले नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) अतर सिंह तत्कालीन सहायक नगर योजनाकार (एटीपी) जयपाल सिंह और भवन निरीक्षक (बीआइ) को निलंबित कर दिया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) एसएन राय ने तीनों के निलंबन आदेश जारी किए
बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ के मेन बाजार में पूर्व विधायक सूरजमल वाली गली में विवादित जमीन का नक्शा पास करने वाले नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) अतर सिंह, तत्कालीन सहायक नगर योजनाकार (एटीपी) जयपाल सिंह और भवन निरीक्षक (बीआइ) को निलंबित कर दिया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) एसएन राय ने तीनों के निलंबन आदेश जारी किए हैं। साथ ही आदेशों में विभाग के निदेशक को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ रूल 7 के तहत चार्जशीट का ड्राफ्ट तैयार कर उनके कार्यालय में भिजवाए ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके। नगर परिषद के ईओ अतर सिंह कलानौर से कांग्रेस की विधायक शकुंतला खटक के पति हैं।
तीनों अधिकारियों के सस्पेंशन की सीएम ने सिंगल फाइल की अप्रूव:
शहर के कुछ भाजपाइयों ने सीएम मनोहर लाल से पिछले दिनों मुलाकात की थी। इस मामले में उन्होंने सीएम से मौखिक तौर पर शिकायत की थी। सीएम के सामने भाजपा के इन लोगों ने कहा था कि नप का ईओ कांग्रेसी विधायक का पति है। उसकी शिकायत कांग्रेसी चेयरपर्सन ने ही कर रखी है, मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सीएम ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर गत 26 अप्रैल को नप के अधिकारियों को इस जमीन से संबंधित रिकार्ड समेत तलब किया था, जिसमें तीनों की भूमिका संदिग्ध मिली। ऐसे में विभाग ने तीनों अधिकारियों को सस्पेंड करने की एक सिंगल फाइल सीएम कार्यालय भेजी गई थी। सीएम ने उस फाइल पर तीनों अधिकारियों के सस्पेंशन के आदेश दिए, जिस पर विभाग के एसीएस ने आदेश जारी कर दिए।
कानूनी सलाहकार की राय को दरकिनार करते हुए किया था विवादित जमीन पर नक्शा पास:
मेन बाजार में पूर्व विधायक सूरजमल वाली गली में खसरा नंबर 2166 के तहत करीब 150 वर्ग गज जमीन पर ईओ अतर सिंह, एटीपी जयपाल और बीआइ विवेक जैन ने फरवरी 2021 में नक्शा पास किया था। इससे पहले जब कानूनी सलाहकार से राय ली गई थी तो उन्होंने इस विवादित जमीन पर नक्शा पास नहीं करने की बात कही थी। मगर इस राय को दरकिनार करके इन अधिकारियों ने नक्शा पास कर दिया था। इसी जमीन पर जनवरी 2019 में बनाए जा रहे निर्माण को नप ने ही सरकारी बताकर तोड़ दिया था।
उसी जमीन पर नप के इन तीनों अधिकारियों ने यह कहकर नक्शा पास किया कि जमीन की मलकियत वक्फ बोर्ड की है। जनवरी 2019 में जब नप ने निर्माण तोड़ा था, उस समय बिना नक्शा पास कराए निर्माण किया जा रहा था। वक्फ बोर्ड की एनओसी पर यह नक्शा नियमानुसार पास होने का दावा नप अधिकारियों ने किया था। 10 मार्च 2021 को यह मामला नप चेयरपर्सन शीला राठी ने उजागर किया था और इसकी शिकायत सीएम मनोहर लाल व विभाग के उच्च अधिकारियों को की थी। चेयरपर्सन की शिकायत पर जिला नगर आयुक्त के आदेश पर स्थानीय स्तर पर भी जांच चल रही थी।
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सरकार की ओर से जो कार्रवाई की गई वह जायज है। इन अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर विवादित जमीन पर नक्शा पास कर दिया था। मैंने भी इसकी शिकायत की थी। जब तक मैं नप चेयरपर्सन की कुर्सी पर हूं, सरकारी जमीन पर किसी का भी कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। रही बात विवादित जमीन पर बने निर्माण का तो उसे कानूनी राय लेकर तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
----शीला राठी, चेयरपर्सन, नगर परिषद, बहादुरगढ़।
इन तीनों अधिकारियों को निलंबित नहीं बर्खास्त करना चाहिए था। राजनीतिक रसूख से ये फिर बहाल हो जाएंगे। पूरे शहर में पिछले छह महीनों में जितने भी अवैध कब्जे हुए वो इनकी देन हैं। नप को राजनीतिक आखाड़ा इन्हीं लोगों ने बनाया।
----जसबीर सैनी, पार्षद