हरियाणा में 100 रुपये में पशुओं का बीमा, आकस्मिक मौत हुई तो मिलेंगे 80 हजार
हरियाणा में खेती के बाद पशुपालन के व्यवसाय सबसे अधिक किया जाता है। इसमें जाेखिम भी अधिक है। लेकिन अब पशुधन बीमा योजना शुरू होने से यह जोखिम मुक्त हो गया है। अब पशुपालक महज 100 रुपये में एक वर्ष के लिए अपने पशु का बीमा करवा सकता है
फतेहाबाद, जेएनएन। पशुपालकों के लिए सरकार ने पशुधन बीमा योजना शुरू की हुई है। इससे महज 100 रुपये में पशुओं का 80 हजार रुपये तक का बीमा हो जाता है। यानी किसी भी परिस्थितियों में पशु की आकस्मिक मौत होती है तो पशुपालक को बीमा का लाभ मिलेगा। अकेले फतेहाबाद जिले में अब तक 55 से अधिक किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिल चुका है। जबकि 210 के करीब लोगों का बीमा मंजूर हो गया है। जिनको जल्द ही बीमे की राशि दी जाएगी।
प्रदेश में खेती के बाद पशुपालन के व्यवसाय सबसे अधिक किया जाता है। इसमें जाेखिम भी अधिक है। लेकिन अब पशुधन बीमा योजना शुरू होने से यह जोखिम मुक्त हो गया है। अब पशुपालक महज 100 रुपये में एक वर्ष के लिए अपने पशु का बीमा करवा सकता है। जिले में करीब तीन साल पहले शुरू हुई योजना से बड़ी संख्या में पशुपालक जुड़कर रहे हैं। योजना के तहत पशुपालन को नुकसान होने पर भी मुआवजा भी खूब मिल रहा है।
12 हजार से अधिक पशुओं का करवाया हुआ है बीमा
जिले में अब तक 12 हजार 727 विभिन्न प्रकार के पशुओं का बीमा करवाया गया हैं। लोगों में अब जागरूकता आ रही है। इसका असर गत महीने में देखने को मिला। जनवरी महीने में 890 पशुओं का बीमा करवाया गया। फसल बीमा की तरह ही पशुपालकों के पशुओं का बीमा के प्रीमियम में भी सरकार अनुदान दे रही है।
अनुसूचित जाति के पशुपालक का बीमा मुक्त
पशुओं के बीमा योजना में एससी वर्ग को तो शत फीसदी की छूट है। वहीं अन्य वर्ग के लोगों से पांच पशुओं तक महज 100 रुपये प्रीमियम लिए जाते हैं। जबकि नुकसान होने पर 500 से 800 गुणा तक यानी 60 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक मुआवजे का प्रावधान हैं। पिछले दो सालों में जिले के 265 लोगों ने नुकसान होने पर अप्लाई किया है। इनमें से 55 लोगों को मुआवजा मिल गया हैं। जो कि 33 लाख रुपये से अधिक है। बाकि बचे हुए 210 लोगों का क्लेम मंजूर हो गया है। उनको भी जल्द राशि दी जाएगी।
बैल व ऊंट का भी बीमा
पशुधन बीमा योजना में दुधारू पशुओं के साथ भारवाहक पशु ऊंट, बैल का बीमा किया जाता है। इसके अलावा बकरी, भेड व सूअर का बीमा तो महज 25 रुपये में होता है। इनके मरने पर मुआवजा पशुपालकों को मिला है। सरकार ने इनको अन्य पशुओं के वर्ग में शामिल किया।
बीमा करवाने के लिए पशु अस्पताल में करना होगा संपर्क
जिन पशुपालकों ने अब तक अपने पशुओं का बीमा नहीं करवाया। वे पशुपालक अपने पशुओं का बीमा करवाने के लिए निकटवर्ती पशुपालन अस्पताल में संपर्क करें। पशुओं का बीमा वीएलडीए व वीएस की देखरेख में होता है। वे ही पशु का मूल्य निर्धारित करते है। बीमा योजना में पशुओं की कीमत 60 हजार रुपये से लेकर 80 हजार रुपये तक निर्धारित करते हैं। वहीं जब पशु की आकस्मिक मौत पर भी वे उसकी कीमती निर्धारित करते हुए पशु का क्लेम मंजूर करते है।
बेहतरीन योजना, पशुपालक उठाए लाभ : काशीराम
प्रदेश सरकार ने पशुपालकों के लिए पशुधन बीमा योजना शुरू की है। इससे अब पशुपालक जोखिम फ्री हो गया। दुधारू पशुओं का बीमा महज 100 रुपये में हो रहा हैं। नुकसान होने पर क्लेम भी प्रीमियम के मुकाबले बहुत अधिक मिल रहा है। पशुपालकों से मेरा आग्रह है कि वे पशुओं का बीमा जरूर करवाए। इसके लिए अपने निकटवर्ती पशुपालन विभाग में कार्यरत वेटनरी सर्जन से संपर्क करें।
- डा. काशीराम, उपनिदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग।